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किसानों के चेहरे पर खुशी लेकर आया सब्जी कूलर

सुंदरगढ़ जिले में किसानों के चेहरे पर मुस्कान लेकर आया है सब्जी कूलर।

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 07:47 PM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 07:47 PM (IST)
किसानों के चेहरे पर खुशी लेकर आया सब्जी कूलर
किसानों के चेहरे पर खुशी लेकर आया सब्जी कूलर

कमल कुमार विश्वास, राउरकेला

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सुंदरगढ़ जिले में किसानों के चेहरे पर मुस्कान लेकर आया है सब्जी कूलर। जिला प्रशासन ने पहले चरण में तीन ब्लॉकों में 50 से अधिक किसानों को सब्जी कूलर (जीरो कूलिग चैंबर) प्रदान किया है। जिला प्रशासन ने स्थानीय एनजीओ और रूकार्ट के साथ मिलकर बालिशंकरा, कुआरमुंडा और टांगरपाली ब्लॉकों में 50 से अधिक सब्जी कूलर स्थापित किए हैं। ये कूलर किसानों को बाजार में बेचने से पहले सब्जियों को संरक्षित करने में मदद करता है। सब्जी कूलर बिजली या सौर ऊर्जा के बिना चलता है, इसका रखरखाव और उपयोगिता लागत बिल्कुल शून्य है। प्रत्येक कूलर में 100 किलोग्राम सब्जियों को स्टोर करने की क्षमता होती है और उन्हें एक सप्ताह तक ताजा रखा जा सकता है। आने वाले दिनों में जिले में 50 और सब्जी कूलर किसानों के लिए बनाए जाएंगे। मुंबई स्थित रूकार्ट टेक्नोलाजी कूलर स्थापित करने के लिए उपकरण और तकनीकी सहायता प्रदान कर रही है। परिधि विकास निधि से वित्तीय सहायता किसानों को दी जा रही है। ऐसे समय में जब राज्य के कई हिस्सों खासकर सुंदरगढ़ जिले में कोल्ड स्टोरेज अभी दूर का सपना है। ऐसे में सुंदरगढ़ जिले के किसान अब सब्जियों को सस्ते दर पर संरक्षित करने के लिए एक अभिनव सब्जी कोल्ड स्टोरेज इकाई 'सब्जी कूलर' पर बड़े पैमाने पर भरोसा करना शुरू कर दिया है।

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छोटे आकार की खेती के लिए वरदान

छोटे आकार की खेती के लिए यह तकनीक आर्थिक और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ है। क्योंकि यह वाष्पीकरण शीतलन के सिद्धांत पर काम करती है। जिसमें किसी भी और चीज की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, इसे दिन में कम से कम एक बार पानी देने की आवश्यकता होती है। जिला प्रशासन ने एनजीओ व रूकार्ट के साथ किया समझौता : आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सुंदरगढ़ जिला प्रशासन ने इसके लिए स्थानीय एनजीओ और रूकार्ट के बीच एक समझौता (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। मिट्टी के बर्तन के रूप में काम करने के लिए बनाया गया यह ऑन-फार्म संरचना है। किसान की आवश्यकता के आधार पर, सब्जी कूलर विभिन्न आकार में आता है। सब्जी कूलर के साथ, किसान एक सप्ताह में तीन बार सब्जियां काट सकता है। चूंकि सब्जियां चैंबर के अंदर ठीक से परिपक्व होती हैं, इसलिए यह फसलों की अधिक परिपक्वता के कारण होने वाले नुकसान को भी कम करती है। किसानों के पास अगले साप्ताहिक बाजार के लिए बिना बिके सब्जियों को स्टोर करने का विकल्प भी है।

आइआइटी बांबे के तीन पूर्व छात्रों ने तैयार किया है कांसेप्ट

आइआइटी बांबे के तीन पूर्व छात्र गुनवंत नेहटे, शारायु कुलकर्णी और विकास झा ने छोटे आकार की खेती को आर्थिक और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ बनाने के लक्ष्य को लेकर 2019 में एग्रीटेक स्टार्टअप के तौर पर रूकार्ट कंपनी की शुरूआत की थी। इनकी कंपनी सस्ती डिजाइन विकसित कर आवर्ती, लागत-मुक्त, मजबूत और स्केलेबल उत्पादों का प्रसार करता है। ताकि इनपुट लागत को कम किया जा सके और खेती में जोखिम को कम किया जा सके। रूकार्ट टेक्नोलाजी ने ओडिशा, बिहार व महाराष्ट्र जैसे राज्यों में सब्जी इकाइयां स्थापित कीं।

ईंट के चैंबर पर लगाई जाती है टीन की शीट : ईंट के चैंबर को टीन की शीट लगाकर बनाया जाता है। इसके शीर्ष पर एक ढक्कन होता है। सब्जी कूलर बाष्पीकरणीय शीतलन के सिद्धांत पर काम करता है। इसके अलावा इसमें अन्य किसी चीज की आवश्यकता नहीं होती है। हालांकि, इसे एक बार दैनिक पानी की आवश्यकता होती है। शीतलन कक्ष का तापमान परिवेश के तापमान से 5-15 डिग्री सेल्सियस (परिवेश सापेक्ष आ‌र्द्रता पर निर्भर करता है) के मार्जिन से कम होता है और शीतलन कक्ष के अंदर 85-90 फीसद से अधिक की उच्च सापेक्ष आ‌र्द्रता बनाए रखता है। चैंबर के अंदर कम तापमान और उच्च आ‌र्द्रता (गैर-कंद) सब्जी की फसल को पांच से आठ दिनों के लिए संरक्षित करती है।

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मैं एक छोटा किसान हूं। मैं सब्जियां उगाकर अपने परिवार का पालन-पोषण करता हूं। जिला प्रशासन की मदद से मैंने घर पर सब्जी कूलर स्थापित किया है। इससे मुझे अपनी उपज को संरक्षित करने और बेचने में मदद मिल रही है।

दिगंबर राणा, किसान

बालिशंकरा ब्लॉक, सुंदरगढ़ जिला


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