रिश्वतखोरी में नपा ईओ समेत तीन गिरफ्तार
कटक की विजिलेंस टीम ने सोमवार को रिश्वतखोरी के मामले में नगरपा
संवाद सूत्र, राजगांगपुर: कटक की विजिलेंस टीम ने सोमवार को रिश्वतखोरी के मामले में नगरपालिका के कार्यकारी अधिकारी मोहन चरण जेना समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपितों में नगरपालिका की सहायक इंजीनियर राजलक्ष्मी व चपरासी संतोष यादव भी शामिल हैं। विजिलेंस ने यह कार्रवाई एक ठेकेदार का बिल पास करने के लिए 24 हजार रुपये की रिश्वत लेते समय की। विजिलेंस सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर अपने साथ कटक ले गई है।
राजगांगपुर नगरपालिका में रिश्वतखोरी का खेल चलने की शिकायत मिलने के बाद सोमवार की सुबह कटक विजिलेंस प्रमुख डीएसपी प्रकाश नायक की अगुवाई में 21 सदस्यीय टीम यहां पहुंची थी। जिसमें पूर्व नियोजित योजना के अनुसार शहर के इस्लाम चौक निवासी मो. जावेद से 24 हजार रुपये की रिश्वत लेते समय नगरपालिका की असिस्टेंट इंजीनियर राजलक्ष्मी को दबोच लिया। पूछताछ में राजलक्ष्मी ने बताया कि उसने नगरपालिका ईओ मोहन चरण जेना के कहने पर यह रकम ली थी। इसके अलावा यह भी पता चला कि रिश्वत की रकम का लेनदेन करने में चपरासी संतोष यादव भी संलिप्त है। जिसके आधार पर तीनों को गिरफ्तार कर विजिलेंस टीम उन्हें अपने साथ कटक ले गई। जांच पड़ताल के दौरान विजिलेंस टीम ने महिला इंजीनियर राजलक्ष्मी के घर की तलाशी भी ली।
चेक देने में की जा रही थी आनाकानी : ठेकेदार
इस संबंध में ठेकेदार मो. जावेद ने बताया कि उन्होंने कुछ महीने पूर्व बाबा तालाब तथा उसके पास बने पार्क के सौंदर्यीकरण का किया था। 15 लाख रुपये के इस काम में 13.50 लाख रुपये का काम हुआ था। जिससे टैक्स की रकम काटने के बाद 11.77 लाख रुपये का भुगतान करने का चेक भी बन गया था। लेकिन रिश्वत न देने से चेक देने में आनाकानी की जा रही है। उनसे 48 हजार रुपये की रिश्वत मांगी गई थी। इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत कटक विजिलेंस विभाग में की थी। जिसके आधार पर सोमवार को यह कार्रवाई हुई है। मौके पर नगरपालिका के अन्य ठेकेदारों ने भी रिश्वत न देने पर कोई काम न होने का आरोप लगाया।
विजिलेंस के छापे से सामने आया पीसी कारोबार का सच :
ठेकेदार से रिश्वत मांगने के मामले में गिरफ्तार महिला इंजीनियर राजलक्ष्मी ने जो बयान दिया है, उससे जिले में चल रहे पीसी कारोबार का भी खुलासा हो गया है। विजिलेंस पूछताछ में महिला इंजीनियर ने बताया कि बिल पास करने और दस्तखत करने के एवज में संबंधित जिला स्तरीय अधिकारियों की ओर से दो फीसद पीसी भी लिया जाता है। जिसके बाद ही फाइल आगे बढ़ पाती है।