सुंदरगढ़ में आंदोलन करनेवाले 223 ग्राम रोजगार सेवक बर्खास्त
स्थायी नियुक्ति समेत विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे सुंदरगढ़ जिले के 223 ग्राम रोजगार सेवकों को जिलाधीश ने निष्कासित करने का आदेश जारी किया है।
संवादसूत्र, सुंदरगढ़: स्थायी नियुक्ति समेत विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे सुंदरगढ़ जिले में अनुबंध पर नियुक्त 223 ग्राम रोजगार सेवकों को जिलाधीश सुरेंद्र कुमार मीणा ने पंचायती राज विभाग के निर्देश पर निष्कासित करने का आदेश जारी किया है। जिलाधीश के इस आदेश से अनुबंध पर नियुक्त कर्मियों में हड़कंप मच गया है। हालांकि यह आंदोलन राज्यस्तर पर चल रहा है एवं निष्कासन का निर्देश केवल सुंदरगढ़ में ही जारी हुआ है।
जिला अंतर्गत 17 ब्लॉक के 269 पंचायतों में मनरेगा के तहत वर्ष 2006-07 में ग्राम रोजगार सेवक के रूप में अनुबंध पर नियुक्ति दी गई थी। कुछ को पदोन्नति दी गई तथा कुछ को पंचायत में रिक्त पदों पर नियुक्ति मिली। शेष 228 ग्राम रोजगार सेवक के पद पर कार्यरत हैं। स्थायी नियुक्ति की मांग को लेकर राज्य ग्राम रोजगार संघ के आह्वान पर राज्यभर के ग्राम रोजगार सेवक 15 नवंबर से आंदोलन पर हैं। 29 नवंबर को पंचायती राज विभाग के सचिव एवं विशेष निदेशक ने संघ प्रतिनिधियों को बुलाकर आंदोलन समाप्त करने के लिए दबाव डाला था। पर संघ की ओर से मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया गया। 21 दिसंबर को विभाग की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी करने के साथ 27 दिसंबर तक संतोष जनक जवाब देने एवं काम शुरू करने का निर्देश दिया गया था। कहा गया था कि इसका उल्लंघन करने पर नौकरी से निष्कासित कर दिया जायेगा। 28 दिसंबर को मनरेगा के स्थानीय पदाधिकारी व बीडीओ को इस पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। इसके बावजूद ग्राम रोजगार सेवक मानने को तैयार नहीं थे। पंचायती राज विभाग के निर्देशानुसार जिलाधीश सुरेंद्र कुमार मीणा ने जिले में आंदोलनरत 223 ग्राम रोजगार सेवकों को निष्कासित करने का आदेश जारी किया। पांच रोजगार सेवकों ने काम शुरू कर दिया जिससे उन्हें इससे मुक्त रखा गया है।