समाज से बहिष्कृत वृद्ध नहीं कर पाया बेटे की अंत्येष्टि
पहली पत्नी और तीन बच्चों के रहते दूसरे समाज की युवती से शादी करने पर
संवाद सूत्र, बामड़ा : पहली पत्नी और तीन बच्चों के रहते दूसरे समाज की युवती से शादी करने पर 20 साल पहले बामड़ा ब्लाक के जराबगा पंचायत के दुमकू गांव निवासी मंगलू किसान को समाज से बहिष्कृत कर हुक्कापानी बंद कर दिया गया था। ऐसी सूरत में घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं होने तथा समाज का साथ नहीं मिलने के कारण मंगलू अपने बेटे का अंतिम संस्कार भी नहीं कर पाया।
मंगलू किसान ने बीस साल पहले ओराम समाज की एक युवती से दूसरी शादी कर ली थी। समाज के विरुद्ध काम करने से उसे बहिष्कृत कर हुक्कापानी बंद कर दिया गया था। इसके बाद से वह अपनी दूसरी पत्नी सुमित्रा ओराम के साथ गांव के बाहर एक कुटिया बनाकर रहने लगा। दूसरी शादी से उसे दो बच्चे हैं। जिनमें से एक बेटे शिव किसान ने पांच जुलाई की सुबह बामड़ा के डुमरमुंडा रेलवे फाटक के पास ट्रेन से कटकर खुदकुशी कर ली।
राजगांगपुर जीआरपी ने लाश जब्त कर छानबीन शुरू की लेकिन पहचान नहीं होने के कारण आठ जुलाई को उसे दफना दिया गया। 12 जुलाई को अखबारों में छपी तस्वीर देखने के बाद शिव किसान की पहचान हुई। बाद में जीआरपी थाना अधिकारी अनंत खंडुआल के निर्देश पर पुलिस टीम मंगलू के घर पहुंची और बेटे की लाश का अंतिम संस्कार करने का अनुरोध किया। तब समाज से बहिष्कृत 60 वर्षीय मंगलू ने घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं होने तथा समाज का साथ नहीं मिलने की आशंका के चलते बेटे का अंतिम संस्कार करने से असमर्थता जता दी।
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समाज के कुछ कायदे कानून हैं। सभी लोग इसका पालन करते हैं। समाज के विरुद्ध काम करने के कारण मंगलू को बहिष्कृत किया गया है। उसने बेटे का अंतिम संस्कार करने से इंकार किया, यह ¨नदनीय है।
- करुणकार किसान, गुड़ी संयोजक, किसान समाज।