इन बेजुबानों की सुधि लेने वाला कोई नही दिखाई पड़ता
अपनी भूख और लाचारी को बेजुबान प्राणी बयां नही कर सकते।
संवाद सूत्र, राजगांगपुर: अपनी भूख और लाचारी को बेजुबान प्राणी बयां नही कर सकते। शायद इसीलिए प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगाने के लिए नगरपालिका कार्यालय के बाहर ये मूक जीव शांतिपूर्ण तरीके से अपने जीवित रहने का अधिकार मांग रहे हैं। एक तरफ सेवाभावी संगठनों द्वारा गरीब तबके के लोगों को घर घर जाकर खाद्य सामग्री पहुंचाने का काम किया जा रहा है। क्योंकि वे अपनी व्यथा बोल सकते हैं। बेजुबान गायों को भी बजरंग दल एवं राजगांगपुर विधायक राजन एक्का की तरफ से शहर में घूमकर चोकर आदि खिलाया जा रहा है। पर शहर में भटक रहे लावारिस श्वानों की सुध लेने वाला कोई नहीं। जबकि राज्य सरकार की तरफ से जानवरों को खिलाने के लिए प्रत्येक दिन के हिसाब से पांच हजार रुपये नगरपालिका को मंजूर किए गए हैं। शुरुआती एक-दो दिन नगरपालिका की तरफ से कुछेक श्वान के लिए खाने का प्रबंध किया गया। उसके बाद से यह कार्य बंद है। इसी बीच नपा के मुख्य गेट के सामने एक ऐसा दृश्य देखने को मिला जिसे देखकर लोग हैरान रह गए। यह भी देखने योग्य रहा कि नपा के पास बेजुबान श्वान लॉकडाउन का पालन करते हुए शारीरिक दूरी बनाकर लेटे नजर आए जोकि आम इंसानों के लिए प्रेरणा का एक सजीव उदाहरण है। इन बेजुबान जानवरों की दशा देखकर लोगों में नगरपालिका के प्रति रोष देखा जा रहा है। राज्य में और दो अस्पतालों में कोरोना टेस्ट शुरू
मंगलवार से भुवनेश्वर के इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंस एवं राउरकेला के इस्पात जनरल अस्पताल में कोविड-19 का परीक्षण शुरू किया गया है। दोनों जगहों पर कोरोना टेस्ट शुरू किए जाने की जानकारी राज्य स्वास्थ्य विभाग की तरफ से ट्वीट कर दी गई है। इससे पहले बरहमपुर महाराजा कृष्णचन्द्र गजपति कालेज (एमकेसीजी) में कोविड-19 सैंपल टेस्ट करने का निर्णय सरकार ने लिया था। गौरतलब है कि वर्तमान समय तक राज्य में 60 कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान हुई है। इनमें से 18 स्वस्थ हो चुके हैं जबकि एक की मौत हुई है।