आरक्षित जंगल में मनरेगा का काम दिखाकर घपला
मनरेगा में मिट्टी सड़क निर्माण गांव में करने के बजाय मनमाने ढंग से आरक्षित जंगल में काम दिखाकर राशि की हेराफेरी करने का मामला सामने आया है।
संवादसूत्र, बड़गांव : मनरेगा में मिट्टी सड़क निर्माण गांव में करने के बजाय मनमाने ढंग से आरक्षित जंगल में काम दिखाकर राशि की हेराफेरी करने का मामला सामने आया है। बड़गांव ब्लाक के इतमा पंचायत में नडियापाड़ा से काजू बगीचा तक 9.90 लाख की लागत पर काम होना था। पंचायत, समिति सदस्य तथा वार्ड मेंबर ने इसका विरोध करने के साथ ही जिलापाल का ध्यान आकृष्ट किया है।
कोरोना काल में मजदूरों को काम देने के लिए मिट्टी सड़क का निर्माण मनरेगा के अधीन कराया जाना था। समिति सदस्य, सरपंच व वार्डमेंबर तथा ग्रामसभा की स्वीकृति के बगैर अभियंता के द्वारा काजू बगीचा तक सड़क बनाने के बजाय आरक्षित जंगल में करीब एक किलोमीटर काम कराया गया एवं वहां योजना संबंधित फलक लगा दिया गया। पहले तो ग्रामीणों को लगा कि वन विभाग द्वारा वहां काम कराया जा रहा है पर वन विभाग की ओर से जब इस काम को रोका गया तब मामला समाने आया। यहां काम के लिए मस्टर रोल में 192 चौका मिट्टी खुदाई तथा 30 मजदूरों को काम में लगाना दर्शाया गया है पर वास्तव में ऐसा नहीं हुआ है। काम किए बगैर इसी बहाने राशि की निकासी कर ली गई है। सरपंच सुरेश बाग, समिति सदस्य पुष्पलता शा, वार्ड मेंबर सुरेश कुमार शा, ग्राम साथी सुकांति शा ने इसका विरोध करने के साथ ही जिलापाल का इस ओर ध्यान आकृष्ट किया है। इसी साल फुलवारी पंचायत में इस तरह की गड़बड़ी के बाद जेई राजेंद्र बेहरा के खिलाफ कार्रवाई हुई थी। अब इस मामले में भी उसका नाम जोड़ा जा रहा है।