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बेसिक पर फोकस ने दिलाई यूपीएससी इंजीनिय¨रग में सफलता

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की इंजीनिय¨रग सेवा परीक्षा 201

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 11:22 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 11:22 PM (IST)
बेसिक पर फोकस ने दिलाई यूपीएससी इंजीनिय¨रग में सफलता
बेसिक पर फोकस ने दिलाई यूपीएससी इंजीनिय¨रग में सफलता

सवांद सूत्र, बंडामुंडा : संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की इंजीनिय¨रग सेवा परीक्षा-2018 में रेलनगरी बंडामुंडा के सी सेक्टर सी-252 निवासी रवि शम्मी कुमार ने अखिल भारतीय स्तर पर 28वां रैंक हासिल किया है। उसके पिता आरटीटी राव बंडामुंडा रेलवे विभाग में सीनियर ट्रेन चालक हैं। परीक्षा परिणाम गत दिनों जारी हुआ है। उसने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि अपनी तैयारी के दौरान बेसिक पर ज्यादा फोकस करने से उसे यह सफलता मिली है। शम्मी ने इस तरह की परीक्षा देने वालों को इसी मंत्र का अनुसरण करने की सलाह भी दी।

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उसने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और गुरुजनों को दिया है। शम्मी फिलहाल आइआइटी रुड़की में एमटेक की पढ़ाई कर रहे हैं। पिता आरटीटी राव और माता आर उमा ने बताया कि उसे बचपन से ही प्रशासनिक सेवा में जाने को इच्छा थी। बेटे के इस ख्वाब को पूरा करने के लिए पूरा परिवार हमेशा उसका सहयोग करता रहा। खासकर उसके दादा स्वर्गीय आरवी एसके राव उसको प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए ज्यादा प्रेरित किया करते थे।

बंडामुंडा में हुई स्कूली शिक्षा: शम्मी ने बंडामुंडा के केंद्रीय विद्यालय से 2008 में अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद विशाखापटट्नम स्थित श्री चैतन्य महाविद्यालय से 2010 में इंटर की परीक्षा पास की। फिर उन्होंने 2014 में एनआइटी, जमशेदपुर से बीटेक के बाद आइआइटी रुड़की से एमटेक की पढ़ाई के दौरान यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी।

बेसिक पर फोकस कर तैयारी मजबूत रखें: शम्मी ने दैनिक जागरण के साथ हुई बातचीत में कहा कि परिजनों का सकारात्मक सहयोग ही मेरी सफलता की ताकत रही। उन्होंने कहा कि जो भी विद्यार्थी यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, वे रोज दस-बारह घंटे बेसिक सिलेबस पर फोकस करें। एक बार नहीं, कम से कम चार बार बेसिक की तैयारी कर लीजिए। सफलता निश्चित मिलेगी।

सोशल साइट पर शम्मी को मिल रही बधाई:

शम्मी की इस उपलब्धि पर जहां उनके पिता आरटीटी राव,माता आर उमा एवं भाई आर कामेश कुमार गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। वहीं बंडामुंडा, राउरकेला सहित अन्य शहरों से उनके परिचितों और परिवार से जुड़े लोग भी इस सफलता पर उन्हे बधाई दे रहे हैं। कई लोगों ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए उनके बचपन के अनुभव भी बांटे हैं। कुछ लोगों ने उनसे जल्द बंडामुंडा आने को कहा है।


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