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सड़क जाम के बाद मुआवजे पर बनी बात

रमाबहाल दुर्घटना में मृत महिला मजदूरों का शव 50 घंटे बाद भी नहीं उठ पाया। मुआवजा न मिलने तक शव नही उठाने पर अड़े परिवार वालों ने शुक्रवार को एसएच 10 को जाम कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 11:33 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 06:21 AM (IST)
सड़क जाम के बाद मुआवजे पर बनी बात
सड़क जाम के बाद मुआवजे पर बनी बात

संवाद सूत्र, राजगांगपुर : रमाबहाल दुर्घटना में मृत महिला मजदूरों का शव 50 घंटे बाद भी नहीं उठ पाया। मुआवजा न मिलने तक शव नही उठाने पर अड़े परिवार वालों ने शुक्रवार को एसएच 10 को जाम कर दिया। इसकी सूचना मिलते ही हरकत में आए प्रशासन ने ठेका संस्था एलएंडटी व उसके वेंडर को बुलाकर ग्रामीणों के साथ वार्ता हुई। जिसमें सहमति बनने के बाद ग्रामीणों ने अपना आंदोलन समाप्त किया।

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त्रिपक्षीय वार्ता में फैसला लिया गया कि मरने वाले प्रत्येक मजूदर के परिवार को 16,50,000 रुपये मुआवजा, एक व्यक्ति को नौकरी व मासिक 7 हजार रुपये पेंशन दी जाएगी। मुआवजा राशि रेडक्रॉस सोसाइटी की ओर से 20 हजार रुपय, एनएफबीएस फंड से 20 हजार, ईपीएफ की ओर से 2.50 लाख रुपए, इडीएलआइ फंड से 3.50 लाख, इएसआइ से 15000, वेंडर की ओर से एक लाख रुपये तथा एमएसीटी की ओर से 8 लाख रुपये दिए जाएंगे।

इससे पूर्व सुबह ग्रामीणों के साथ परिवार वालों ने कुतरा थाना पहुंचकर घेराव किया। थाने में ही प्रशासन, एलएंडी के अधिकारी समेत वेंडर को बुलाने की मांग की। लेकिन तीन घंटे तक किसी के नहीं आने से उत्तेजित सैकड़ों ग्रामीण अपराह्न दो बजे एसएच-10 पर बैठ गए जिससे यातायात ठप हो गया। इसकी सूचना पाकर उपजिलाधीश मौके पर पहुंचे तथा लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़ गए। बाद में कुतरा प्रखंड कार्यालय परिसर में मुआवजा को लेकर वार्ता शुरू हुई। इसमें विधायक डॉ राजन एक्का, पूर्व विधायक मंगला किसान सहित उपजिलाधीश, एलएंडटी के अधिकारी, वेंडर सहित ग्रामीण प्रतिनिधि व मृतकों के परिजनों की उपस्थिति में मुआवजा को लेकर सहमति बन गई। जिसके बाद ग्रामीण आंदोलन समाप्त करने के साथ मृत महिलाओं का शव उठाने के लिए राजी हुए।

उल्लेखनीय है कि बीते बुधवार को रमाबहाल के पास बीजू एक्सप्रेस- वे में एक तेज रफ्तार द्वारा एडएंडटी कंपनी के वेंडर के अधीन सड़क मरम्मत कर रहीं पांच महिला मजदूर सरस्वती लकड़ा, उमा लकड़ा, कल्पना लकड़ा, पानो लकड़ा, नाउरी लाकड़ा को रौंद दिया था। इस हादसे में पांच महिलाओं की मौत हो गई थी। जबकि गंभीर रूप से घायल द्रौपदी बाड़ा का इलाज चल रहा है। इसके बाद से प्रत्येक मृतक के परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा तथा एक व्यक्ति को नौकरी की मांग को लेकर परिजन सड़क पर उतर आए थे। पूर्व विधायक मंगला किसान के हस्तक्षेप के बाद उपजिलाधीश ने इसे लेकर बैठक भी बुलाई थी।


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