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चार हाथी मौत मामला: मुख्य सचिव ने रेलवे के खिलाफ मामला दर्ज न करने का दिया निर्देश

घटना के बाद वन विभाग ने ट्रेन के लोको पायलट व सहायक पायलट के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें समन भी भेजा था।

By BabitaEdited By: Published: Mon, 30 Jul 2018 03:50 PM (IST)Updated: Mon, 30 Jul 2018 03:50 PM (IST)
चार हाथी मौत मामला: मुख्य सचिव ने रेलवे के खिलाफ मामला दर्ज न करने का दिया निर्देश
चार हाथी मौत मामला: मुख्य सचिव ने रेलवे के खिलाफ मामला दर्ज न करने का दिया निर्देश

झारसुगुड़ा, जेएनएन। विगत अप्रैल में हावड़ा-मुंबई रेल पथ में अघरिया, बागडीह के पास ट्रेन की टक्कर से चार हाथियों की मौत के मामले में रेल विभाग को राज्य सरकार ने क्लीनचिट दे दी है। उक्त घटना में रेल विभाग जिम्मेदार नहीं है और इसके खिलाफ किसी प्रकार का कोई भी मुकदमा वन विभाग दर्ज नहीं कर सकता है, यह निर्देश राज्य के मुख्य सचिव ने पत्र के जरिये झारसुगुड़ा वनखंड के डीएसएफओ को दिया है। यह निर्देश मिलने के बाद से वन विभाग असमंजस में पड़ गया है। जबकि घटना के बाद वन विभाग ने ट्रेन के लोको पायलट व सहायक पायलट के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें समन भी भेजा था। मगर अब मुख्य सचिव के निर्देश के बाद वन विभाग को उक्त मामला मजबूरन बंद करना होगा।

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 उल्लेखनीय है कि 26 अप्रैल की सुबह हावड़ा-मुंबई रेल पथ में अघरिया, बागडीही के पास हावड़ा-मुंबई मेल से चार हाथियों की मौत हो गई थी। वन विभाग की अवहेलना हो या हाथी कॉरिडोर में ट्रेन की गति कम नहीं करने के कारण ही चार हाथियों की जान गई थी। उक्त घटना में वन विभाग ने रेल विभाग को जिम्मेदार मानकर चालक व सहचालक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

उक्त घटना के दिन हावड़ा-मुंबई में बिलासपुर डिवीजन के लोको पायलट एमसीएल खरबेल व सहायक यूडी बारिक तथा गार्ड पी महेश्वर ड्यूटी में थे। अब मुख्य सचिव के द्वारा रेल विभाग के खिलाफ मामला दर्ज नहीं करने का निर्देश आने के बाद वन विभाग चिंता व पशोपेश में पड़ गया है। 

बीमार हाथी पर ध्यान नहीं दे रहा प्रशासन

कोलाबीरा वन क्षेत्र के झिरलापाली पंचायत के जटियाडीही गांव में अस्वस्थ बूढ़ा हाथी इधर-उधर भटक रहा है।पिछले एक महीने तक लैयकरा ब्लाक अंचल में भटकने के बाद अब यह हाथी कोलाबीरा वन क्षेत्र में है लेकिन इसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। पीछे के दोनों पैर खराब होने की वजह से चलने फिरने में असमर्थ उक्त हाथी का ग्रामीण किसी तरह चावल, धान खिलाकर पेट भर रहे हैं।

 इस संबंध में ग्रामीणों को कहना है कि बीमार हाथी की सुधि लेने अब तक वन विभाग का कोई कर्मचारी नहीं पहुंचा है जोकि वन्य जीव संरक्षण के प्रति घोर उदासीनता है। बीमार हाथी की देखरेख व उसके खाने पीने की व्यवस्था वन विभाग को करने की मांग स्थानीय लोगों द्वारा की जा रही है। 


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