बंगाल में रेल चक्का जाम से तीन ट्रेनें प्रभावित
हावड़ा-मुंबई रेल खंड में खड़गपुर-टाटानगर स्टेशन के बीच खेमाशु
संवाद सूत्र, बंडामुंडा : हावड़ा-मुंबई रेल खंड में खड़गपुर-टाटानगर स्टेशन के बीच खेमाशुली स्टेशन के पास ग्रामीणों न सोमवार की सुबह परंपरागत हथियार के साथ रेल चक्का जाम आंदोलन चलाया है। जिस कारण इस मार्ग में चलने वाली हावड़ा- टिटिलागढ़ इस्पात एक्सप्रेस, हावड़ा-मुंबई गीतांजलि सुपरफास्ट, शालीमार-एलटीटी कुर्ला एक्सप्रेस विशेष रूप से प्रभावित हुई है। इन सभी ट्रेनों को मार्ग के जहां-तहां रोक दी गई। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के अन्य स्टेशनों पर भी रेल चक्का जाम के चलते लोगों को परेशानी हुई।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार अपनी कई मांगों को लेकर आदिवासी संगठनों ने पश्चिम बंगाल में चार स्थान पर रेलवे ट्रैक को सोमवार की सुबह 6:00 बजे से जाम कर दिया था। इन संगठनों की मांगों में ओलचिकी भाषा मैं सरकारी विद्यालयों में कक्षा एक से 10 तक की पढ़ाई शुरू कराने, झारखंड राज्य की तरह पश्चिम बंगाल में भी सीएनटीएसपीटी अधिनियम लागू करने समेत अन्य मांगो को लेकर यह आंदोलन किया था। संगठन के बैनर तले खड़गपुर-टाटानगर रेल मार्ग पर खेमासुली, खड़गपुर-हावड़ा मार्ग पर बालीचक, खड़गपुर-भुवनेश्वर रेल मार्ग पर बेनापुर और खड़गपुर-मिदनापुर रेल मार्ग पर मिदनापुर के पास आदिवासी संगठनों ने सुबह 6:00 बजे से ही रेलवे ट्रैक जाम कर दिया। रेल ट्रेक पर आवागमन बधित होने से कई स्थानों पर कई एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें अलग-अलग स्टेशनों पर रुक गई हैं। जिस कारण यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जाम की पृष्टि करते हुए दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संजय घोष ने बताया कि कुछ आदिवासी संगठन ओलचिकी भाषा की मान्यता की मांग को लेकर रेल पटरी पर बैठ गए। जिससे कई ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। उन्हें समझाने का प्रयास किया जा रहा है। खड़गपुर में आंदोलन के कारण प्रभावित होने वाले ट्रेनों में हावड़ा-मुंबई मेल,हावड़ा-जगदलपुर समलेसवरी एक्सप्रेस, हावड़ा-अहमदाबाद एक्सप्रेस, हावड़ा-पुणे आजाद¨हद एक्सप्रेस शामिल हैं।