बीरमित्रपुर सामुदायिक अस्पताल में सुविधा का टोटा
बीरमित्रपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाओं का घोर अभाव है।
संवाद सूत्र, बीरमित्रपुर : बीरमित्रपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाओं का घोर अभाव है। यहां चिकित्सा कर्मियों की कमी है वहीं एंबुलेंस एवं जांच के लिए आवश्यक उपकरण भी उपलब्ध नहीं होने से मरीजों को कई तरह की परेशानी हो रही है। प्रसूती महिला तथा दुर्घटना व अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को ले जाने के लिए कुआरमुंडा व रायबोगा से 108 एंबुलेंस बुलाना पड़ता है।
बीरमित्रपुर नगरपालिका तथा आसपास के आधा दर्जन से अधिक पंचायत के लोगों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए 70 के दशक में यहां सरकारी अस्पताल खोला गया था। अब यहां 18 बेड में मरीजों का इलाज हो रहा है। इसके लिए पांच सरकारी चिकित्सक के पद स्वीकृत हैं। इनकी जगह दो एमबीबीएस व एक डेंटल चिकित्सक हैं। सात नर्स, चार अटेंडर, तीन स्वीपर, दो फार्मासिस्ट के भरोसे यह अस्पताल चल रहा है।
अस्तपाल में एक्सरे मशीन एवं अन्य जांच की सुविधा नहीं होने के कारण गंभीर मरीजों को राउरकेला सरकारी अस्पताल भेजना पड़ता है। यहां एबुलेंस नहीं होने के कारण निजी वाहन भाड़े पर लेना पड़ता है। वाहन चालक मरीजों व दुर्घटना में घायल लोगों को ले जाने से कतराते हैं। 108 एंबुलेंस 12 किलोमीटर दूर कुआरमुंडा व 15 किलोमीटर दूर रायबोगा अस्पताल से बुलाने में समय की बर्बादी होती है जिससे मरीजों की मौत भी हो जाती है। अंडाली, रायबोगा, कादोबहाल प्राथमिक चिकित्सा केंद्र में चिकित्सक नहीं होने के कारण इस क्षेत्र के मरीज भी यहीं इलाज कराते हैं।
नहीं मिला नया एंबुलेंस
यहां पांच साल पहले तक पेट्रोल वाला एंबुलेंस था। 108 एंबुलेंस सेवा शुरू होने के बाद इस एंबुलेंस की सेवा खत्म कर दी गई। उसके स्थान पर नया एंबुलेंस अस्पताल को नहीं मुहैया कराया गया है।
- डा. एसके पांडेय, मुख्य चिकित्सक।