आस्था का केंद्र बना प्राचीन काली मंदिर
बंडामुंडा डुमेर्ता का प्राचीन काली मंदिर इन दिनों श्रद्धालुओं की आस्था
संवाद सूत्र, बंडामुंडा: बंडामुंडा डुमेर्ता का प्राचीन काली मंदिर इन दिनों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है। पाप विनाशिनी, कष्ट निवारिणी मां के चरणों में आकर भक्त अपने सारे कष्टों को भूल जाते हैं। डुमेर्ता का विख्यात काली मंदिर बंडामुंडा पंचायत के अधीन डुमेर्ता रेलवे स्टेशन के निकट ऊंची पहाड़ी पर स्थित है।
पहले तो इस पहाड़ी पर सिर्फ मां काली की मंदिर थी। लेकिन मंदिर कमेटी और स्थानीय लोगों के प्रयास से आज इस पहाड़ी पर काली मंदिर के अलावा दुर्गा मंदिर,शिव मंदिर का भी निर्माण किया गया है। दर्शन हेतु जाने के लिए श्रद्धालुओं को करीब 250 सीढि़यां चढ़नी पड़ती है। साथ ही साथ पहाड़ी पर बनाए गए रास्ते से जाने पर श्रद्धालुओं को सीढि़यां नहीं चढ़नी पड़ती है। यह रास्ता श्रद्धालुओं को सीधे मंदिर तक ले जाता है। मंदिर मे जाने वाले श्रद्धालुओं को विश्राम के लिए कमरे बने हुए हैं। मां काली के आशीर्वाद से प्रभावित होकर क्षेत्र के कुछ श्रद्धालुओं ने इसके जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया। मंदिर कमेटी के द्वारा करीब पांच वर्ष पहले मंदिर की विशाल बाउंड्रीवाल बनवाई गई है। साथ ही साथ पहाड़ी पर पेयजल के लिए कमेटी के सदस्य ने मंदिर परिसर मे डीप बो¨रग के साथ साथ कुंए का भी निर्माण किया है। मंदिर कमेटी के सदस्यों ने बताया की मंदिर की इस उन्नतिकरण में स्थानीय लोगो का विशेष भूमिका है। आज यह मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है। बंडामुंडा,राउरकेला,झारसुगढ़ा,संबलपुर समेत झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्य से श्रद्धालु मां के दर्शन को आते है। काली पूजा, नवरात्रि, शिवरात्रि के समय लाखो श्रद्धालु मंदिर मे माथा टेकने को पहुंचते है।