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पेसा समर्थकों-विरोधियों की झड़प में एक की गई जान

संवाद सूत्र, राजगांगपुर : कुतरा प्रखंड के गरपोस चौक में पेसा कानून के विरोधी तथा समर्थकों के बीच मंग

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jun 2018 07:25 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jun 2018 07:25 PM (IST)
पेसा समर्थकों-विरोधियों की झड़प में एक की गई जान
पेसा समर्थकों-विरोधियों की झड़प में एक की गई जान

संवाद सूत्र, राजगांगपुर : कुतरा प्रखंड के गरपोस चौक में पेसा कानून के विरोधी तथा समर्थकों के बीच मंगलवार को हुई झड़प में घायल 35 वर्षीय डमरूधर सेठ की गुरुवार को इलाज के दौरान इस्पात जनरल अस्पताल में मौत हो गई। जिसके बाद डमरूधर के गांव सहित पूरे कुतरा में मातम पसर गया। बूढ़ाकाटा गांव के ग्रामीणों ने पारंपरिक ग्राम सभा कमेटी पेसा को लेकर काफी रोष देखा जा रहा है। डमरू की मौत की खबर आते ही चप्पे चप्पे पर पुलिस बल बूढ़ाकाटा एवं तेलीघाना में तैनात कर दी गई है। आंदोलन तेज होने के आसार को देखते हुए पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है।

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इधर, बूढ़ाकाटा गांव के लोगों ने थाने पहुंचकर पेसा के लोगों की गिरफ्तारी की मांग रखी। जल्द गिरफ्तारी नहीं होने पर हाईवे को जाम कर जोरदार विरोध प्रदर्शन की चेतावनी देते हुए हाईवे जाम कर दिया। जानकारी होते ही एसडीपीओ विजय कुमार नंद मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों को समझाने का प्रयास करने लगे। बाद में प्रशासन की ओर सेठ के परिजनों को 15 हजार रुपये दाह संस्कार के लिए दिए गए। इसके बाद ग्रामीणों ने डेढ़ घंटे तक सात दिन में अभियुक्तों को पकड़ने की समय सीमा तय करते हुए जाम समाप्त किया।

इस संबंध में सेठ की बहनों का कहना है भाई के कातिलों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए। डमरू पर 19 जून को पेसा के कुछ लोगों ने सिर में लोहे की राड से हमला कर दिया था। घायल डमरू को पहले कुतरा सरकारी अस्पताल फिर आइजीएच ले जाया गया था। जहां उसकी मौत हो गई। डमरू का तीन साल का एक बेटा है। बहनों का कहना है हमें न्याय चाहिए जिन लोगों ने इसे मारा है जब तक पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं करती तब तक हमारा विरोध जारी रहेगा।

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पारंपरिक ग्राम सभा कमेटी पेसा की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े ग्रामीण: ग्रामीणों के अपनी मांग पर अड़ जाने के बाद मौके पर कुतरा के अतिरिक्त तहसीलदार हाबिल खाखा सहित एसडीपीओ विजय कुमार नंद ने आरोपियों को पकड़ने के लिए सात दिनों का समय मांगा। ग्रामीणों ने 24 घंटे के भीतर आरोपियों को पकड़ने को प्रशासन पर दबाव बनाया। इसे लेकर गांव वालों और प्रशासन के बीच बहस जारी है। ग्रामीणों का कहना है अगर 24 घंटे के भीतर आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो हाईवे तब तक जाम रहेगा। बाद में प्रशासन के समझाने पर ग्रामीणों ने जाम हटा लिया।


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