प्रदेश व बाहरी राज्यों की कला का मनोरम समन्वय है जतरा : टोप्पो
सुंदरगढ़ जिला कला व संस्कृति समृद्ध है। जतरा महोत्सव में न केवल जिले व राज्य बल्कि दूसरे राज्यों से आनेवाले कलाकारों का प्रदर्शन इसे और आकर्षक बनाता है।
संवाद सूत्र, सुंदरगढ़ : सुंदरगढ़ जिला कला व संस्कृति समृद्ध है। जतरा महोत्सव में न केवल जिले व राज्य, बल्कि दूसरे राज्यों से आनेवाले कलाकारों का प्रदर्शन इसे और आकर्षक बनाता है। लोगों को दूसरे राज्यों की कला व संस्कृति को पास से देखने का अवसर मिलता है। साथ ही स्थानीय कलाकार भी उनकी कला का लुत्फ उठाते हैं। यही समन्वय इस महोत्सव को अतुलनीय बनाता है। सुंदरगढ़ जिला महोत्सव जतरा की द्वितीय शाम मुख्य अतिथि स्वतंत्र विकास परिषद अध्यक्ष विनय टोप्पो ने ये बातें कहीं। अतिरिक्त जिलाधीश नृसिंह चरण स्वाई की अध्यक्षता में आयोजित सभा में उपजिलाधीश अभिमन्यु बेहरा व जिला संस्कृति अधिकारी अनिल केरकेटटा सम्मानित अतिथि के रूप में शामिल हुए। सुंदरगढ़ की विधायक कुसुम टेटे ने भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लिया।
सभा के उपरांत सांस्कृतिक कार्यक्रमों में राजस्थान के घूमर नृत्य ने दर्शकों की खूब वाहवाही बटोरी। साथ ही पुरी के मालखम दल ने शारीरिक कौशल का अद्वितीय प्रदर्शन कर दर्शकों का ध्यान खींचा। राउरकेला के सांथाली नृत्य, बामडा के संबलपुरी नृत्य, राउरकेला की पद्मिनी पाणिग्राही के संबलपुरी गीत को लोगों ने सराहा। बौद्ध के नचनिया कला परिषद्, पिपली के मां वीणा केशरी नृत्य मंजरी, सुंदरगढ़ के सिद्धि विनायक डांस अकादमी के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोहा। इस अवसर पर जिले के विशिष्ट खिलाड़ियों शुभम सामल, अभिषेक सा, सकीना बारला, रेशमा मिज, भीम हेम्ब्रम, अमित ओराम, सुकांति खेस, निकिता मुंडा, पापोश मांझी, आशीष मल्लिक, गुरुप्रीत सिंह, निकी झा व प्रिय ओराम को सम्मानित किया गया। महोत्सव में बालुका शिल्प, चित्रकला प्रदर्शनी, हस्तशिल्प व चरुकला प्रदर्शनी, पुस्तक मेला लोगों के आकर्षण का केंद्र है। जबकि पल्लीश्री मेला जिले व राज्य के विकास की झांकी प्रस्तुत कर रहा है। साथ ही कृषि व कृषक से जुड़े स्टालों के जरिये आधुनिक कृषि पद्धति, उन्नत बीज, जैविक खाद के उपयोग, अधिक लाभकारी फसल, कम पानी व कम समयावधि वाली फसलों की जानकारी किसानों को दी जा रही है। इसके अलवा 230 स्टालों पर गृह उपयोग सामग्री लोगों का ध्यान खींच रही है।