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ओडिशा में ट्यूशन टीचर के नाम से फर्जी खाता खोलकर 4.35 करोड़ का आइटीसी फर्जीवाड़ा

ओडिशा में टीचर के नाम पर बनाई गई कंपनी के जरिए 4.35 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त किया है। इस मामला सामने आने के बाद राज्य जीएसटी विभाग की ओर से छानबीन शुरू कर दी गई है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 04 Mar 2021 06:25 PM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 06:39 PM (IST)
ओडिशा में ट्यूशन टीचर के नाम से फर्जी खाता खोलकर 4.35 करोड़ का आइटीसी फर्जीवाड़ा
ओडिशा में ट्यूशन टीचर के नाम फर्जी खाते से 4.35 करोड़ का आइटीसी फर्जीवाड़ा। फाइल फोटो

राउरकेला (सुंदरगढ़), जागरण संवाददाता। ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के राउरकेला में एक ट्यूशन टीचर घटकिशोर के नाम पर फर्जी बैंक खाता खोल कर 28.55 करोड़ रुपये का कारोबार किया गया है। टीचर के नाम पर बनाई गई कंपनी के जरिए 4.35 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) प्राप्त किया है। मामला सामने आने के बाद राज्य जीएसटी विभाग की ओर से छानबीन शुरू कर दी गई है। घटकिशोर राउरकेला के जगदा इलाके के जगदा नायक कालोनी में एक भाड़े के घर में रहते हैं। वे ओडिशा के नुआपाड़ा जिले के खरियाररोड के मूल निवासी हैं। वाणिज्य में स्नातक करने के बाद नौकरी की तलाश में वे राउरकेला आए थे।

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जगदा नायक कालोनी में ट्यूशन पढ़ाकर किसी तरह गुजारा करते हैं। प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। जालसाजों ने उनके नाम पर स्टार विलेट्स नाम की कंपनी बना ली है। जीएसटी नंबर 21सीडब्ल्यूपीबी 7166 तक प्राप्त कर लिया है। दस्तावेजों में बताया गया है कि खरियाररोड स्थित डीडी कांप्लेक्स के शॉप नंबर-4 में उनकी कंपनी का कार्यालय है। जबकि, इस पते पर कोई कार्यालय ही नहीं है। फरवरी 2018 में कंपनी के जरिए 12.20 करोड़, अप्रैल 2018 में 16.35 करोड़ का कारोबार होना दर्शाया गया है। इसके एवज में 4.35 करोड़ इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त कर लिया गया है। इसे फर्जीवाड़े का मामला सामने आने के बाद घटकिशोर से पूछताछ की गई। उन्होंने राउरकेला के ही किसी जालसाज के इसमें शामिल होने की आशंका जताई है। दो साल पहले स्टार विलेट कंपनी को सेंट्रल जीएसटी ने ब्लैक लिस्टेड किया था। इसके बावजूद नुआपाड़ा जिले में किसी ने इसका संचालन जारी रखा। इसी कारण से यह मामला प्रकाश में आया।

जानें, क्या है इनपुट टैक्स क्रेडिट

पक्के बिल से माल खरीदने पर उस पर जो टैक्स देय होता है, उस टैक्स के आधार पर जीएसटी रिटर्न भरने से कंपनी, व्यापारी को इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलता है। दूसरी ओर, किसी पंजीकृत व्यक्ति को वस्तु या सेवाओं अथवा दोनों की आपूíत पर लगने वाले सीजीएसटी (केंद्रीय कर), एसजीएसटी. (राज्य कर), आइजीएसटी (एकीकृत कर) या यूटीजीएसटी (संघ शासित क्षेत्र कर) को इनपुट टैक्स कहते हैं। 


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