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मंगला के इस्तीफे के बाद घिरने लगे हैं आइआइपीएम निदेशक निरंजन नायक

जिले के कांसबहाल स्थित तकनीकी शिक्षण संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट फा

By JagranEdited By: Published: Sun, 07 Oct 2018 11:00 PM (IST)Updated: Sun, 07 Oct 2018 11:00 PM (IST)
मंगला के इस्तीफे के बाद घिरने लगे हैं 
आइआइपीएम निदेशक निरंजन नायक
मंगला के इस्तीफे के बाद घिरने लगे हैं आइआइपीएम निदेशक निरंजन नायक

संवाद सूत्र, सुंदरगढ़ : जिले के कांसबहाल स्थित तकनीकी शिक्षण संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट फॉर प्रोडक्शन मैनजमेंट(आइआइपीएम) में छात्रों द्वारा निदेशक निरंजन नायक तथा तथाकथित जन संपर्क अधिकारी जीतू दास को हटाने की मांग को लेकर 11 सितंबर से चलाया जा रहा आंदोलन रविवार को 27वें दिन भी जारी रहा। इस बीच गत 22 सितंबर को कॉलेज ऑफ इंडियन इंस्टीट्यूट फॉर प्रोडक्शन मैनजमेंट की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष पद से राजगांगपुर विधायक मंगला किसान के इस्तीफे दिए जाने के बाद प्रशासनिक स्तर पर जांच का कार्य तेज हो गया है।

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इसके तहत निरंजन नायक पर संस्थान परिसर में पेड़ों की अवैध कटाई का आरोप लगने के बाद वन विभाग की ओर से इसकी जांच शुरू कर दी गई है। आरोप है कि संस्थान परिसर से केवल 40 पेड़ों की कटाई की अनुमति वन विभाग से मिली थी। लेकिन संस्थान परिसर में 150 से अधिक पेड़ो की कटाई की गई है। पत्र संख्या 721/19.09.2018 की मार्फत सुंदरगढ़ जिलापाल ने राउरकेला वन अधिकारी को इसकी जांच कर सात दिन के अंदर इसकी रिपोर्ट जमा करने का परामर्श दिया था। जिससे वन विभाग ने इसकी प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। वही, रविवार व सोमवार को अवकाश होने के कारण दो दिन बाद मंगलवार को यह रिपोर्ट जमा किए जाने की संभावना है। इससे लगता है कि यहां के निदेशक निरंजन नायक की मुसीबतें और भी बढ़ सकती है।

विधायक मंगला से आंदोलनकारी छात्र-छात्राएं नाराज

इंडियन इंस्टीट्यूट फॉर प्रोडक्शन मैनजमेंट(आइआइपीएम) में छात्रों द्वारा निदेशक निरंजन नायक तथा तथाकथित जनसंपर्क अधिकारी जीतू दास को हटाने को लेकर की मांग को लेकर चलाए जा रहा आंदोलन के दौरान केंद्रीय मंत्री सह सुंदरगढ़ सांसद जुएल ओराम, राउरकेला विधायक दिलीप राय तथा बीरमित्रपुर विधायक जार्ज तिर्की ने आंदोलनकारी छात्रों से मुलाकात कर उनकी बात सुनी तथा हर संभव मदद का भरोसा दिया। लेकिन संस्थान के अध्यक्ष तथा राजगांगपुर विधायक मंगला किसान द्वारा पिछले 27 दिनों से चल रहे आंदोलन के दौरान एक बार भी ना मिलने पर छात्रों, अभिभावकों तथा स्थानीय जनता के बीच काफी रोष देखा जा रहा है।


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