एक और किसान ने लगाया मौत को गले
राज्य में पहले सूखा, फिर चकड़ा कीड़ा और हाल ही में हुई ब
जागरण संवाददाता, सुंदरगढ़ : राज्य में पहले सूखा, फिर चकड़ा कीड़ा और हाल ही में हुई बेमौसम बरसात से बर्बाद हुई फसल व कर्ज को लेकर एक और किसान ेने मौत को गले लगा लिया है। विगत 29 दिनों में किसान आत्महत्या की यह 9वीं घटना पश्चिम ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में घटी है। जिले के हेमगिर ब्लॉक के कुंअरकेला गांव के किसान मनोज ¨सह (50) ने रविवार को कीटनाशक खाकर अपनी जान दे दी।
अपुष्ट सूत्रों के मुताबिक मनोज ने भाइयों के साथ मिलकर सात एकड़ जमीन पर धान की खेती की थी। इसमें से दो एकड़ जमीन पर खड़ी फसल चकड़ा कीड़ा लग जाने से बर्बाद हो गई। इससे मनोज ¨सह काफी परेशान थे। परिवार के भरण-पोषण व तीन बेटियों की पढ़ाई की चिंता में उन्होंने रविवार को कीटनाशक खाकर जान दे दी। हालांकि मनोज के खुदकशी करने का सटीक कारण सामने नहीं आया है। प्रशासन की ओर से घटना की जांच की जा रही है।
अंचल के लोगों का कहना है कि मनोज ने लुआबहाल लैंपस से 50 हजार रुपये तथा सहकारी बैंक से भी ऋण ले रखा था। चकड़ा कीड़ा लगने से फसल नष्ट होने से उन्हें ऋण चुकाने की ¨चता खाये जा रही थी। इसी वजह से मनोज द्वारा खुदकशी करने की आशंका जताई जा रही है।
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जांच में जुटा प्रशासनिक अमला
कुंअरकेला गांव में किसान मनोज ¨सह की आत्महत्या के पीछे के कारणों की जांच प्रशासन ने शुरू कर दी है। हेमगिर के बीडीओ, तहसीलदार, पुलिस व कृषि विभाग के अधिकारियों की टीम ने मंगलवार को मृत किसान के घर जाकर परिजनों से घटना की जानकारी ली। साथ ही हरीशचंद्र योजना व अन्य सरकारी योजना के माध्यम से आर्थिक सहयोग प्रदान किया। लेकिन अभी तक इस बारे में प्रशासन की ओर से कोई रिपोर्ट जारी नहीं की गई है।
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भाजपाइयों ने की मुआवजे की मांग
कुंअरकेला में आत्महत्या करने वाले किसान के परिजन से बुधवार को भाजपाईयों ने मिलकर उन्हें सांत्वना देते हुए मुआवजे की मांग की। भाजपा नेताओं ने कहा कि इस अंचल में फसल नष्ट होने को लेकर प्रशासन ने सर्वे कराया था। इसमें प्रभावित किसानों की सूची तैयार कर मुआवजा देने का भरोसा दिया गया था। लेकिन इस सूची में मनोज ¨सह का नाम नहीं था। भाजपा नेताओं में कृषक मोर्चा के जिलाध्यक्ष प्रदीप नायक, डॉ. हिमांशु षाड़ंगी, कलाकृष्ण ओराम, सुरेश पटेल, दीपक ¨सह, बैकुंठ वनछोर, अरुण प्रधान, रवि किसान, निशिकेतन साहू, मनोज पुरोहित शामिल थे।