पिता की गोद से छीनकर मासूम को गजराज ने कुचल डाला
यह हाथी खेत की मेड़ से टकराकर गिर गया और दोबारा नहीं उठ पाया।
बीरमित्रपुर, जेएनएन। सुंदरगढ़ जिले के ग्रामीण इलाकों में हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार की रात भी नु्आगांव ब्लाक के कोकेरमा पंचायत के बड़ाइकटोली में एक हाथी ने पिता की गोद से ढाई साल के बच्चे को छीनकर मार डाला। इसके बाद यह हाथी खेत की मेढ़ से टकराकर गिर जाने से मृत बच्चे के माता-पिता, मामा व दूसरा बेटा बाल-बाल बचे। मृत बालक का परिवार एक दिन पहले ही ससुराल से वापस अपने गांव लौटा था, तभी यह हादसा हो गया।
इस हादसे से गांव में मातम पसरा है। नुआगांव के कोकेरमा पंचायत के बड़ाइक टोली निवासी कृष्णा बड़ाइक (26) कुछ दिनों पूर्व झारखंड स्थित अपनी ससुराल गया था। वहां से वे लोग गुरुवार को ही वापस लौटे। वापस लौटने के बाद वे लोग निर्माणाधीन घर की सफाई करने के बाद गुरुवार की रात खाना खाकर सोये थे। घर में दरवाजा नहीं होने से कृष्णा बड़ाइक अपने साले सुरजन, बड़े बेटे राज बड़ाइक (07) एक कमरे में तथा उसकी पत्नी सरोजिनी बड़ाइक चार साल के बेटे राहुल बड़ाइक के साथ दूसरे कमरे में सोयी थी। रात करीब 11 बजे घर के पिछवाड़े में हाथी द्वारा घर का खपरैल उखाड़ने के दौरान इन लोगों को इसका पता चला।
इस पर कृष्णा का साला सुरजन अपने भांजे राज को लेकर वहां से भागने लगा। जबकि कृष्णा छोटे बेटे राज व पत्नी को लेकर वहां से भागा। लेकिन इस हाथी ने कृष्णा के गोद से राज को सूंड से छीन लिया और नीचे पटककर मार डाला। इस दौरान कृष्णा व सुरजन नीचे गिर जाने से उन्हें भी चोट लगी । इसी बीच यह हाथी वहां स्थित खेत की मेड़ से टकराकर गिर गया और दोबारा नहीं उठ पाया। इससे मृत बालक के पिता कृष्णा, मामा सुरजन, भाई राज तथा मां सरोजिनी बाल-बाल बचे।
इस घटना की सूचना मिलने के बाद ग्रामीणों के साथ वन विभाग के एसीएफ दिलीप कुमार साहू, बीरमित्रपुर रेंजर राजकिशोर दास, फॉरेस्टर मधुसूदन पटनायक, रेंजर लुसिया किसान, फॉरेस्टर कान्हु सामल वहां पहुंचे तथा हाथी को खदेड़ा गया। शुक्रवार की सुबह हाथीबाडी थाना के प्रभारी श्यामलाल ओराम ने टीम के साथ पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। इस दौरान वन विभाग की ओर से मृत बच्चे के परिवार को दाह-संस्कार के लिए 20 हजार रुपये दिए गए हैं। इसके समेत 2.80 लाख रुपये की अन्य राशि बाद में देने का भरोसा दिया गया है। इस घटना को लेकर गांव के लोगों में मातम पसरा है। वहीं ग्रामीणों ने रात के समय बिजली विभाग की ओर से बिजली काटे जाने को लेकर भी नाराजगी जतायी है। जिससे रात के समय हाथियों का उत्पात रोकने बिजली कटौती न करने की मांग की गयी है।