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लॉकडाउन ने तोड़ी फुटपाथी दुकानदारों की कमर, दाने-दाने को मोहताज

कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप जारी है। इससे निपटने के लिए लॉकडाउन की अवधि समय-समय पर बढ़ाई जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 09:32 AM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 09:32 AM (IST)
लॉकडाउन ने तोड़ी फुटपाथी दुकानदारों की कमर, दाने-दाने को मोहताज
लॉकडाउन ने तोड़ी फुटपाथी दुकानदारों की कमर, दाने-दाने को मोहताज

संसू, राजगांगपुर : कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप जारी है। इससे निपटने के लिए लॉकडाउन की अवधि समय-समय पर बढ़ाई जा रही है। वहीं, दूसरी ओर लॉकडाउन की अवधि बढ़ाए जाने से व्यापारी समेत फुटपाथ पर ठेला-खोमचा लगाकर अपनी गृहस्थी की गाड़ी खींचने वाले दुकानदारों के समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। आलम यह है कि इन्हें अपने साथ-साथ परिवार के लिए दो वक्त के भोजन का इंतजाम करना मुश्किल हो रहा है। दिन पर दिन बिगड़ती आर्थिक स्थिति को देखते हुए फुटपाथी दुकानदारों ने शासन-प्रशासन से सहायता की मांग की है।

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बता दें कि शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में सड़क किनारे खाद्य सामग्री आदि बेचकर अपनी घर-गृहस्थी चलाने वाले ठेला व खोमचा वालों की तादात हजारों में हैं। इस कार्य में बहुतायत दुकानों में बड़ी संख्या में दिहाड़ी श्रमिक के रूप में सैकड़ों लोग काम भी करते हैं। जिनका भरण-पोषण उनकी रोज की कमाई पर ही निर्भर होता है। कोरोना महामारी को लेकर बीते माह से जारी लॉकडाउन व साप्ताहिक शटडाउन के कारण इन सब की कमाई पूरी तरह से ठप हो गई है जिससे इनके समक्ष रोटी का संकट खड़ा हो गया है। शहर के बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, इंदिरा चौक, इस्लाम चौक, सुभाष चौक, बीजू पटनायक चौक, ओसीएल मार्केट, लिपलोई में बड़ी संख्या में लोग ठेला-खोमचा लगाकर खाद्य सामग्री आदि बेचकर अपने साथ-साथ परिवार का भरण पोषण करते हैं। लेकिन लॉकडाउन व शटडाउन के कारण इनका काम-धंधा पूरी तरह से ठप है। इससे इनके समक्ष रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है। शहर में कई सालों से फुटपाथ पर दुकान लगा कर गुजर बसर कर रहे थे। लेकिन इस महामारी ने पूरी तरह से धंधा चौपट करते हुए हमें भुखमरी की कगार पर खड़ा कर दिया है।

कुतूब रब्बानी, बस स्टैंड शादी-ब्याह ढेर सारे ऑडर मिला करते थे। लेकिन लॉकडाउन के चलते रोजी-रोटी पूरी तरह से बंद हो गई है और भुखमरी दरवाजे पर दस्तक दे रही है।

दीपक साहू, चाय विक्रेता। इस महामारी ने हमलोगों की कमर तोड़ कर रख दी है। सरकार की तरफ से किसी भी प्रकार का सहयोग नहीं मिल रहा है। फिर फल बेचने के लिए कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना भी जरूरी है और इसके चलते कम समय के बीच कोरोना महामारी के भय से ग्राहकों की संख्या भी कम हो गई है जिसके चलते महाजन की भरपाई करना भी मुश्किल हो गया है।

मुस्तफा, फल विक्रेता शादी ब्याह में ढ़ेर सारे ऑडर आया करते थे। लेकिन लॉकडाउन के चलते फल सब्जी बेचने पर भी ग्राहकों की कमी व फुटपाथ के दुकानदारों ने भी धंधा बदल लेने से रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। सुबह सात बजे से दिन के ग्यारह बजे तक ही दुकानदारी करने का समय निर्धारित करने से भी ढेर सारी दिक्कतों का सामना करने पर मजबूर हो गए हैं।

रहीम, गुपचुप विक्रेता।


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