जिले के दुर्गम करुआडेरा गांव पहुंचा प्रशासन
आदिवासी बहुल सुंदरगढ़ जिले के टांगरपाली ब्लाक के करुआडेरा गांव
संवाद सूत्र, सुंदरगढ़ : आदिवासी बहुल सुंदरगढ़ जिले के टांगरपाली ब्लाक के करुआडेरा गांव में आजादी के बाद पहली बार प्रशासन के कदम पडे़ हैं। ग्रामीणों में सुखद आश्चर्य है। गांव में जनसुनवाई कार्यक्रम करने और ग्रामीणों की असुविधा से अवगत होने के लिये सोमवार को स्वयं जिलाधीश ने दो पहाड़ियों को पार कर पगडंडी के रास्ते बाइक पर सवार होकर वहां पहुंचे। ग्रामीणों ने जिलाधीश को अपनी समस्याओं व असुविधा से अवगत कराया। इन समस्या का समाधान कब तक होगा, इस पर सभी की नजर है।
टांगरपाली ब्लाक के रतनपुर पंचायत का यह गांव जिला मुख्यालय से करीब 12 से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आजादी के बाद अब तक किसी सरकारी अधिकारी के कदम यहां नहीं पड़े थे। जिलाधीश के पहुंचने के बाद यहां पर रहने वाले 55 आदिवासी परिवारों में विकास की उम्मीद जगी है। इस गांव में विकास के नाम पर केवल एक स्कूल भवन ही है। जबकि सड़क, पेयजल, बिजली, स्वास्थ्य समेत अन्य बुनियादी सुविधाओं से यहां के लोग वंचित हैं। पानी के नाम पर यहां के ग्रामीणों को गांव के कुएं के गंदे पानी पर निर्भर रहना पड़ता है। यहां पहुंचने के बाद जिलाधीश ने ग्रामीणों की असुविधा व समस्या की जानकारी ली। जिसके बाद समस्याओं का समाधान करने के लिये ब्लाक स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिया है। इससे पूर्व जिला प्रशासन की ओर से ग्रामीणों की समस्या का समाधान करने के लिए ब्लाक स्तर पर जनसुनवाई होती थी। लेकिन वहां पर विभिन्न पंचायतों के लोग पहुंच नहीं पाते थे। अब जिलापाल सुरेंद्र कुमार मीणा ने पंचायत स्तर पर जन सुनवाई कर ग्रामीणों की समस्या का पता लगाकर इसका समाधान करने की शुरुआत की है। जिससे अंचल के प्रबुद्ध लोगों द्वारा प्रशंसा की जा रही है।