डालमिया विद्या मंदिर में लगी सांस्कृतिक संस्कारशाला
बाल दिवस के अवसर पर डालमिया विद्या मंदिर में आयोजित तीन दिवसीय सांस्कृ
संवाद सूत्र, राजगागपुर : बाल दिवस के अवसर पर डालमिया विद्या मंदिर में आयोजित तीन दिवसीय सांस्कृतिक संस्कारशाला का शनिवार को समापन हुआ। इस वर्ष स्कूल के बच्चों ने दैनिक जागरण संस्कारशाला के साथ जुड़कर विशेष रूप से बाल दिवस मनाया और विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पुरस्कार जीता। इस दौरान आयोजित संस्कारशाला में स्कूल के शिक्षकों ने बच्चों को संस्कारशाला से जुड़े विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी।
इस क्रम में प्रधानाचार्य डा. राघवेंद्र द्विवेदी ने बताया कि सांस्कृतिक एवं नैतिक मूल्य अपने स्वयं के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं जिसका वैज्ञानिक प्रमाण भी है कि यदि हम सुबह उठकर अपने माता-पिता एवं बड़ों का पैर छूते हैं तो हमारा मेरुदंड सक्रिय हो जाता है तथा उनसे मिलने वाला आशीर्वाद उनके हाथ के माध्यम से हमें ऊर्जा स्वरूप मिलता है। जिससे हम पूरा दिन तरो ताजा महसूस कर खुश रहते हैं।
शनिवार को कार्यक्रम के समापन पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेकर जीतने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मौजूद अतिथियों में ओसीएल के जीएम एकाउंट्स के प्रकाश अग्रवाल, आइसीआइसीआइ बैंक के शाखा प्रबंधक प्रदीप साहु ने विजेताओं को पुरस्कृत किया। प्री जूनियर वर्ग में प्रथम दिना सुफियान, द्वितीय लक्ष्मण यादव तथा प्राइमरी वर्ग से साराश मोहन्ता, कक्षा पांचवीं से प्रथम एवं द्वितीय प्राची साह, कक्षा मिडिल समूह में कक्षा सात की सेलिना महापात्रों प्रथम तथा कक्षा आठ के हरीओम गौतम द्वितीय रहे। सीनियर समूह में स्वेता घोष एवं कक्षा दस के दीपक बारीक ने प्रथम स्थान अर्जित किया। जल संरक्षण पर आधारित चित्राकन प्रतियोगिता में ग्रुप ए में पहला स्थान कक्षा तीन के रुद्रेश ओझा ,दूसरा स्थान कक्षा चार की दीपशिखा भटाचारजी, तीसरा स्थान कक्षा चार के प्रियाशु मिश्रा एवं साराश मोहन्ता को दिया गया। ग्रुप बी में कक्षा सात की श्रीया घोष को प्रथम, कक्षा सात की संजीवनी भटाचारजी द्वितीय व कक्षा आठ के ओम प्रकाश जैना एवं हर्ष यादव तृतीय स्थान पर रहे। ग्रुप सी में कक्षा 11वीं की अदिति चौधरी प्रथम, कक्षा नौ के अंकित प्रधान द्वितीय एवं कक्षा नौ की ए अंजना को तृतीय मिला।
----------
प्रधानाचार्य ने छात्रों को पढ़ाया संस्कारशाला का पाठ :
स्कूल के प्रधानाचार्य डा. राघवेंद्र द्विवेदी ने इस मौके पर कहा कि नैतिक मूल्यों के विकास की कड़ी में संस्कारशाला की भूमिका एक सराहनीय कदम है। बच्चों में नैतिक मूल्यों के विकास के लिए डालमिया विद्या मंदिर में संस्कारशाला का विशेष आयोजन दैनिक जागरण के साथ जुड़कर चलाया जा रहा है। इसमें बच्चों को अपनी संस्कृति से परिचित कराना मुख्य विषय है ताकि छात्र अपने साथ पूरे समाज एवं राष्ट्र को सही रास्ते पर ले जाएं। बच्चे हमारी परंपराओं के खेवनहार और देश का भविष्य हैं पर आज बच्चों में नैतिक मूल्यों की कमी उनके मोबाइल के साथ जुड़ने से लगभग ओझल सी होती जा रही है। बच्चों में छोटी उम्र में ही झूठ बोलना, बेईमानी आदि गुण पनपने लगा है। आज कोई बच्चा पढ़ाई लिखाई में कितना भी होशियार हो पर यदि नैतिक संस्कार की शिक्षा नहीं हो तो सब कुछ बेकार है। आज के परिवेश में बच्चों में सही गलत अच्छे बुरे का ज्ञान केवल नैतिक मूल्यों के द्वारा ही दिया जा सकता है कि समाज में आदर, सराहना और प्यार कैसे मिलता है यह जान सकें। चूंकि नैतिक मूल्य सबसे पहले बच्चे अपने घर से सीखते है अत: सभी अभिभावक माता पिता यदि कुछ समय बच्चों के साथ बैठकर बिताए तो निश्चित ही बच्चा उन्हें अपना समझकर सभ्य चरित्रवान एवं कर्तव्यनिष्ठ नागरिक बनकर देश के विकास में अहम भूमिका अदा करेंगे।