ठैकेदारों की मनमानी से जनता त्रस्त, कार्रवाई की मांग
संसू, राजगांगपुर : नगरपालिका की ओर से क्षेत्र के विकास के लिए विभिन्न ठेकेदारों को कार्यादेश दिया गया है। लेकिन ठेकेदारों की मनमानी के कारण विकास कार्य आधा-अधूरा रहने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने इस ओर नगरपालिका प्रशासन से आवश्यक कदम उठाने की मांग की है। लोगों का कहना है कि जिन ठेकेदारों द्वारा 10 प्रतिशत से भी कम दर पर टेंडर भरे गए है उनसे 10 प्रतिशत से अतिरिक्त राशि कार्यादेश जारी करने से पहले जमा कराया जाना चाहिए। उदाहरण के तौर पर यदि 16 प्रतिशत कम पर टेंडर भरा गया है तो छह प्रतिशत अतिरिक्त राशि धरोहर के रूप में जमा कराई जाए। लोगों का कहना है कि शहर के कुछ ऐसे भी ठेकेदार हैं जो क्षमता से अधिक काम ले लेते हैं और उसे आधा-अधूरा छोड़ देते हैं जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है।
राजगांगपुर ब्लाक के आधा दर्जन पंचायतों में मोबाइल टावर नहीं
: राजगांगपुर ब्लाक के आधा दर्जन से अधिक पंचायतों में मोबाइल टावर नहीं है। दूर दराज के इन गांवों के लोग मोबाइल सेवा से वंचित हो रहे हैं। मोबाइल टावर नहीं होने के कारण इस क्षेत्र के लोगों को कई तरह की परेशानी हो रही है। आपात स्थिति में वे दूसरे क्षेत्र के लोगों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। सरकार की ओर से सबकुछ डिजिटल करने का दावा किया जा रहा है पर राजगांगपुर ब्लाक के छताम, बुड़ाम, जरेइकेला, मालीडीह, बुचकूपाड़ा, कुकुड़मुां पंचायत के लोगों का यह सपना अब तक पूरा नहीं हो पाया है। राजगांगपुर ब्लाक के 20 पंचायतों में से आधा दर्जन पंचायतों में मोबाइल नेटवर्क नहीं है। इससे दुर्गम क्षेत्र में रहने लोग बाहरी दुनिया से नहीं जुड़ पाये हैं। मोबाइल नेटवर्क नहीं होने के कारण कोरोना महामारी के दौरान बच्चों को आनलाइन पढ़ाई के लिए पहाड़ी के ऊपर एवं पेड़ पर नेटवर्क तलाशना पड़ रहा था। समस्या सामने आने के बाद लोगों को समाधान होने की उम्मीद थी पर कोरोना का प्रभाव कम होने के बावजूद मोबाइल नेटवर्क देने की दिशा में काम नहीं हुआ। नेटवर्क न होने से कोर्ट कचहरी, पुलिस, मेडिकल, अग्निशमन, बिजली समेत अन्य आवश्यक सेवा के लिए संपर्क नहीं हो पा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले शिक्षक, आंगनबाड़ी कर्मी, आशा कर्मी ब्लाक स्तर के अधिकारियों से संपर्क कर सूचना नहीं दे पा रहे हैं।