वर्षा रूठी, धरा सूखी
कमजोर मानसून के कारण बारिश से प्रभावित सुंदरगढ़ जिले में सूखाग्रस्त जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। वहीं इस स्थिति से निपटने के लिए जिला कृषि अधिकारियों ने एक सितंबर से जिले में धान फसल के नुकसान का मूल्यांकन भी शुरू कर दिया गया है।
राउरकेला। कमजोर मानसून के कारण बारिश से प्रभावित सुंदरगढ़ जिले में सूखाग्रस्त जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। वहीं इस स्थिति से निपटने के लिए जिला कृषि अधिकारियों ने एक सितंबर से जिले में धान फसल के नुकसान का मूल्यांकन भी शुरू कर दिया गया है। जिले में 3.13 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि है। जिसमें 2.09 लाख हेक्टेयर पर धान की खेती का लक्ष्य रखा था।
ग्राम पंचायत (जीपी) स्तर पर फसल की स्थिति का आकलन करने के लिए सहायक कृषि अधिकारियों (एएओ) और ग्राम स्तर के श्रमिकों (वीएलडब्ल्यू) को जारी निर्देश के साथ जिले के कई क्षेत्रों में सर्वेक्षण शुरू हुआ।
अगस्त में सामान्य बहुत कम हुई बारिश
अगस्त माह में जिले में सामान्य से भी काफी कम बारिश हुई है। औसतन 393.9 मिमी बारिश होनी चाहिए लेकिन 138 मिमी बारिश हुई। इस बार जिले में करीब 65 प्रतिशत कम बारिश हुई। जिसका सभी 17 प्रखंडों पर प्रभाव पड़ा। जुलाई में भी बेहतर बारिश नहीं हुई। जुलाई में 32 प्रतिशत कम बारिश हुई। जिसमें लेफ्रिपाड़ा, हेमगीर, सुबडेगा, बालिशंकारा और कुतरा ब्लॉक के किसानों को गहरे संकट में डाल दिया।
20 जुलाई तक हुई कम बारिश ने 74,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर सीधी बुआई और 20,000 हेक्टेयर भूमि पर पारंपरिक बुआई को रोक दिया था। हालांकि जुलाई के अंत तक बेहतर वर्षा के परिणामस्वरूप अगस्त के अंत तक सीधी व पारंपरिक बुआई विधि पूरा हो गई। इसके बावजूद 8,913 हेक्टेयर भूमि पर रोपाई नहीं की जा सकी। इसके अलावा, तीनों अनुमंडल (सुंदरगढ़, पानपोष और बनेई) में भूमि के विशाल इलाकों में नमी की कमी के कारण धान के पौधे पीले व भूरे रंग होने के साथ-साथ खेतों में दरारें पड़ा गई है।
मुख्य जिला कृषि अधिकारी (सीडीएओ) आरसी नायक ने कहा कि एक सप्ताह में पंचायत स्तर की सर्वेक्षण रिपोर्ट आने की उम्मीद है। नायक ने कहा हमारे पास सुंदरगढ़ अनुमंडल के टांगरपाली, लेफ्रीपाड़ा और सदर ब्लॉक में 839 हेक्टेयर से अधिक धान की फसल के खराब होने की रिपोर्ट है। लेकिन सर्वेक्षण के बाद पूरा परि²श्य स्पष्ट हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आकस्मिक योजना तैयार की जाएगी। कृषि विज्ञान केंद्र 1 और 2 के वैज्ञानिकों की मदद से किसानों को मिट्टी की नमी की स्थिति के आधार पर रासी, बीरी, मूंगफली, सरसों और सूरजमुखी की रबी पूर्व खेती का विकल्प चुनने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
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यह भी जानें
-सुंदरगढ़ जिले में सूखे की स्थिति उत्पन्न, किसान चिंतित
-जिले में धान फसल के नुकसान का शुरू हुआ आकलन
- 3.13 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि में है सुंदरगढ़ जिले में
-2.09 लाख हेक्टेयर पर धान की खेती का रखा गया था लक्ष्य
393.9 मिमी औसतन बारिश होनी चाहिए
138 मिमी बारिश औसतन बारिश हुई।
65 प्रतिशत कम बारिश हुई सुंदरगढ़ जिले में अगस्त माह में
32 प्रतिशत कम बारिश हुई जुलाई में
17 प्रखंडों पर पड़ा सीधा प्रभाव
2018 में, जिले को आंशिक रूप से सूखा प्रभावित घोषित किया गया था
839 हेक्टेयर से अधिक धान की फसल के खराब होने की रिपोर्ट