रोज नीचे खिसक रहा हीराकुद बांध का जलस्तर
विश्व प्रसिद्ध हीराकुद बांध का जलस्तर अपने सर्वोच्च सीमा की ओर बढ़ते-
जागरण संवाददाता, संबलपुर : विश्व प्रसिद्ध हीराकुद बांध का जलस्तर अपने सर्वोच्च सीमा की ओर बढ़ते-बढ़ते अचानक नीचे खिसकने लगा है। यह सिलसिला पहली अक्टूबर से जारी है। बांध के ऊपरी मुहाने पर नहीं के बराबर बारिश और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महानदी पर निर्मित बैराजों का गेट बंद कर दिए जाने से यह हालत पैदा हुआ है। उधर, बांध के जलभंडार में जितना पानी प्रवेश कर रहा है उतना ही पानी बांध से विभिन्न नहरों में और पावर चैनल में छोड़ा जा रहा है। बांध के रूपल कर्व के अनुसार, अक्टूबर महीने के अंत तक बांध से पानी छोड़ा जाता रहेगा। ऐसे में अक्टूबर माह के अंत तक अगर जलस्तर नीचे खिसकता रहा तो बांध का जलस्तर 628 फीट से कम हो सकता है। गौरतलब है कि बांध का सर्वोच्च जलस्तर 630 फीट है।
बांध नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अगस्त और सितंबर महीने में बांध के ऊपरी मुहाने पर हई बारिश और महानदी में आई बाढ़ के बाद बांध का जलस्तर 30 सितंबर तक 629.54 फीट पर पहुंच गया था जो सर्वोच्च सीमा 630 फीट से केवल 46 सेंटीमीटर कम था लेकिन पहली अक्टूबर से रोजाना जलस्तर 2-3 सेमी नीचे खिसकता जा रहा है। इस दौरान बांध के जलभंडार में प्रति सेकेंड 9570 घनफुट पानी प्रवेश कर रहा था और बांध से प्रति सेकेंड 15922 घनफुट पानी नहरों और पावर चैनल में छोड़ा जा रहा था।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महानदी में जहां तहां छोटे बड़े बैराज का निर्माण कर दिए जाने और जलप्रवाह को रोक दिए जाने को लेकर ओडिशा और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच विवाद पैदा हो गया है और मामला केंद्रीय ट्रिब्युनल में विचाराधीन है। महानदी ओडिशा की जीवनरेखा है। इसके पानी से कई जिलों में ¨सचाई और पनबिजली का उत्पादन और पेयजलापूर्ति की जाती है।
जलभंडार का जलस्तर
एक अक्टूबर की सुबह 629.56 फीट
दो अक्टूबर की सुबह 629.52 फीट
तीन अक्टूबर की सुबह 629.50 फीट
चार अक्टूबर की सुबह 629.47 फीट
पांच अक्टूबर की सुबह 629.43 फीट
छह अक्टूबर की सुबह 629.37 फीट
सात अक्टूबर की सुबह 629.27 फीट