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Odisha: कटक में 70 लाख रुपये की चंदन की लकड़ी जब्त, तीन गिरफ्तार

Sandalwood ओडिशा में कटक के जंगल में छापेमारी की गई और चंदन की लकड़ियों के साथ तीन तस्करों को हिरासत में लिया गया। तीनों को थाने लाकर पूछताछ करने समेत जब्त चंदन की लकड़ियों का वजन किया गया तो चार क्विंटल 60 किलो निकला जिसकी कीमत 70 लाख रुपये है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 05:24 PM (IST)Updated: Fri, 04 Dec 2020 05:24 PM (IST)
Odisha: कटक में 70 लाख रुपये की चंदन की लकड़ी जब्त, तीन गिरफ्तार
70 लाख रुपये की चंदन की लकड़ी जब्त, तीन गिरफ्तार। फाइल फोटो

संवाद सूत्र, संबलपुर। Sandalwood: ओडिशा में सक्रिय चंदन तस्कर गिरोह के तीन सदस्यों को ओडिशा क्राइम ब्रांच की एसटीएफ ने चार क्विंटल 60 किलो चंदन की लकड़ी के साथ गिरफ्तार किया है। जब्त लकड़ी की कीमत 70 लाख रुपये बताई गई है। गिरफ्तार तीनों आरोपितों से पूछताछ के बाद उनके खिलाफ भादंवि की धारा- 379, 411, 34 और ओडिशा वन अधिनियम-1972 के सेक्शन- 55 सी (2 ) के तहत अपराध दर्ज कर आगे की कार्रवाई के लिए उन्हें कटक जिला के संबद्ध टांगी पुलिस के हवाले कर दिया गया है। एसटीएफ के सूत्र के अनुसार, गुरुवार की शाम चंदन की लकड़ी की तस्करी की सूचना मिलने के बाद एसटीएफ की ओर से त्वरित कार्रवाई की।

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कटक जिला के टांगी थाना अंतर्गत दलाजोड़ी जंगल में औचक छापेमारी की गई और चंदन की लकड़ियों के साथ तीन तस्करों को हिरासत में लिया गया। तीनों को टांगी थाने लाकर पूछताछ करने समेत जब्त चंदन की लकड़ियों का वजन किया गया तो चार क्विंटल 60 किलो निकला, जिसकी कीमत 70 लाख रुपये है। यह चंदन की लकड़ी विभिन्न जंगलों से काटे जाने की खबर है। एसटीएफ ने चंदन की लकड़ी की तस्करी और अवैध कारोबार में कटक जिला टांगी थाना अंतर्गत हल्दीबसंत गांव के हेमंत चटेई और इसी थाना अंतर्गत बालीजोड़ी गांव के कान्हुचरण भोई समेत नयागढ़ जिला के खंडपाड़ा थाना अंतर्गत कृष्णप्रसाद गांव के दंडपाणि दास को गिरफ्तार किया है।

वहीं, मैराथन पूछताछ के सामने ठग बेटे ने आखिरकार सच्चाई कबूल ली है। एसआइटी द्वारा की गई बार-बार पूछताछ के बाद आइएफएस अभय के बेटे आकाश पाठक ने सच्चाई कबूल ली है। एसआइटी के सामने उसने कबूल किया है कि है वह टाटा मोटर्स कंपनी में काम नहीं करता था। केवल इमेज बनाने के लिए वह सबसे यह बात बता रहा था। सतर्कता विभाग के मैराथन पूछताछ के समय उसने यह बात स्वीकार की है। लोगों को ठगने के लिए वह खुद को टाटा मोटर्स एमडी का परिचय दे रहा था।


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