गरपोष पीएचसी में ग्रामीणों ने जड़ा ताला
गरपोस पीएचसी में डॉक्टरों का टोटा और अन्य मांगों को लेकर पांच पंचायत के जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों ने ताला जड़ने के साथ धरना दिया।
संवाद सूत्र, बामड़ा : शहर अंतर्गत गरपोस पीएचसी में डॉक्टर का टोटा और अन्य मांगों को लेकर पांच पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर ताला जड़ दिया। अस्पताल प्रबंधन ने डॉक्टरों की कमी समेत अन्य स्वास्थ्य सेवा का समाधान जल्द से जल्द करने का भरोसा देने के बाद देर रात पीएचसी का ताला खोला गया।
बताया जाता है कि मंगलवार की रात नौ बजे दो गंभीर मरीजो को उनके परिजन इलाज के लिए गरपोस पीएचसी लाए थे लेकिन वहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। इससे नाराज मरीज के परिजनों ने पीएचसी में ताला जड़ दिया था। इसकी खबर मिलते ही गोबिंदपुर थाना प्रभारी प्रताप कुमार रणा ने वहां पहुंचकर मामला शांत किया था। लेकिन बुधवार की सुबह ग्रामीणों ने डॉक्टरों की भर्ती और 24 घंटे मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने को अस्पताल के मुख्य द्वार पर तालाबंदी कर धरना शुरू कर दिया। ब्लॉक चेयरमैन सदानंद कुजूर, जिला परिषद सदस्य कुमुदिनी नायक, पूर्व विधायक राजेन्द्र छत्रिया, सगरा सरपंच दिगम्बर नायक, किनाबगा सरपंच एम लुगुन, पिडापत्थर सरपंच कौशल्या मिज, सगरा समिति सदस्य वीनापाणी नायक, गरपोष समिति सदस्य इतवारी लुगुन, रबगा सरपंच किशोर बिलुंग भी ग्रामीणों के साथ धरना पर बैठ गए। इन लोगों ने आरोप लगाया कि वर्तमान तीन आयुष डॉक्टर, एक दंत चिकित्सक और एक एमबीबीएस डॉक्टर के भरोसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है। मेडिकल अफसर का पद रिक्त होने के साथ यहां एक भी विशेषज्ञ डॉक्टर नही है। उस पर दिन में दो चार घंटे काम करने के बाद सभी डॉक्टर नदारद रहते है। रात के समय तो कोई डॉक्टर ड्यूटी में नही रहता है। आदिवासी जमीन पर बने इस अस्पताल से विस्थापित परिवार को मुआवजा भुगतान करने, सामान्य मरीजो को भी जिला अस्पताल रेफर न करने, ड्यूटी के समय नर्साें का क्वार्टर में रहना, रक्त जांच के लिए मरीजो को बाहर भेजना, 24 घंटे मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने आदि की मांग आंदोलनकारियों ने की।
घटना की गंभीरता को देखते हुए कुचिडा एसडीएम विश्वरंजन नायक, पीेए आइटीडीए पीके बेहरा, बामड़ा तहसीलदार अनिल कुल्लू, संबलपुर सीडीएमो डॉ पंकज पंडा, डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट मैनेजर (एनआरएचएम) डॉ मौसमी मिश्र ,एसडीएमओ डॉ. क्षेत्रमोहन कांडी धरना स्थल पहुंच कर आंदोलनकारियों से वार्ता की। अधिकारियों ने नए डॉक्टरों की नियुक्ति और अन्य मसलों का शीघ्र समाधान करने का भरोसा दिलाया। नियुक्त डॉक्टरों में से 2 डॉक्टर रोज सुबह शाम रोस्टर ड्यूटी देने का फैसला किया गया है। अस्पताल में 24 घंटे मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने का भरोसा देने के बाद ग्रामीणों ने धरना वापस लिया।