आरडीसी कार्यालय में घुसते एंबुलेंसकर्मियों पर लाठीचार्ज
विगत 20 दिसंबर से शुरू 108 एंबुलेंस कर्मचारी संघ का आंदोलन सोमवा
जागरण संवाददाता, संबलपुर : विगत 20 दिसंबर से शुरू 108 एंबुलेंस कर्मचारी संघ का आंदोलन सोमवार को उग्र रूप में बदल गया। आंदोलनकारियों ने अपनी 18 सूत्री मांगों को लेकर उत्तरांचल राजस्व आयुक्त कार्यालय में न सिर्फ जबरन घुसने की कोशिश की, बल्कि पुलिस बल के साथ धक्का-मुक्की करते हुए पथराव शुरू कर दिया। हालात बेकाबू होता देख पुलिस ने बल प्रयोग कर आंदोलनकारियों को खदेड़ा। इस दौरान दो पुलिसकर्मी और दो एंबुलेंस कर्मचारी घायल हो गये। पुलिस ने तनाव को देखते हुए कचहरी इलाके में धारा-144 लागू कर उपद्रव में शामिल आठ एंबुलेंस कर्मचारियों को हिरासत में ले लिया।
दरअसल, चार जनवरी की आधी रात राजस्व आयुक्त कार्यालय के सामने धरना पर बैठे 358 एंबुलेंस कर्मचारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर 5 जनवरी को अदालत में पेश किया था, जहां से सभी को निजी मुचलके पर रिहा किया था। लेकिन, अपनी मांगों को लेकर जिद पर अड़े एंबुलेंस कर्मचारियों ने जमानत पर रिहा होने के बदले जेल जाने की बात कही और उन्हें संबलपुर मंडल कारा भेज दिया गया था। अपने साथियों की गिरफ्तारी के विरोध और नि:शर्त जमानत पर रिहा किए जाने समेत अपनी मूल मांगों को लेकर एंबुलेंस कर्मचारी संघ ने मोर्चा खोल दिया।
सोमवार की सुबह कचहरी रोड स्थित भाजपा कार्यालय में बैठक के बाद ओडिशा के 27 जिलों से आए एंबुलेंस कर्मचारी रैली निकालकर राजस्व आयुक्त कार्यालय (आरडीसी) के सामने पहुंचे और धरना पर बैठ गए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमरेंद्र रणा और सदर एसडीपीओ मिहिर पंडा ने धरनारत कर्मचारियों में से केवल पांच को राजस्व आयुक्त से मुलाकात कर मांगपत्र प्रदान करने को कहा। लेकिन एंबुलेंस कर्मचारी राजी नहीं हुए। इसी बात को लेकर धक्कामुक्की शुरू हो गई। पुलिस ने जब राजस्व आयुक्त कार्यालय में जबरन घुसने की कोशिश करते एंबुलेंस कर्मचारियों को खदेड़ने की कोशिश की तब पथराव शुरू हो गया और पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। इस लाठीचार्ज के बाद माहौल गरमा गया और कचहरी इलाके में दो प्लाटून पुलिस बल तैनात कर दिया गया।
क्या है मामला : 108 एंबुलेंस कर्मचारी संघ ने अध्यक्ष मनोज कुमार साहू के खिलाफ दर्ज मामलों को झूठा बताते हुए वापस लेने, उनके निलंबन आदेश को वापस लेने, चार महीनों का बकाया पारिश्रमिक प्रदान करने, ओवरटाइम एवं भोजन भत्ता प्रदान करने, साप्ताहिक अवकाश में काम करने वाले कर्मचारियों को दोगुना पारिश्रमिक, बगैर कारण एंबुलेंस कर्मचारियों की छंटनी बंद करने, सुप्रीम कोर्ट की राय के अनुसार समान काम के लिए समान पारिश्रमिक और एंबुलेंस ठेका संस्था का प्रबंधन सरकार के हाथ देने की मांग की जा रही है।