संत रविदास का मंदिर तोड़े जाने का विरोध
दिल्ली स्थित संत रविदास की करीब छह सौ वर्ष पुराने मंदिर को तोड़े जाने और इसका विरोध करने पर भीम आर्मी के 96 कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए भीम आर्मी की ओर से जिलाधीश कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया गया ।
संवाद सूत्र, संबलपुर : दिल्ली स्थित संत रविदास की करीब छह सौ वर्ष पुराने मंदिर को तोड़े जाने और इसका विरोध करने पर भीम आर्मी के 96 कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए भीम आर्मी की ओर से जिलाधीश कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया गया। आर्मी की ओर से अफसोस जताया गया कि देश में फर्जी बाबाओं की ओर से मठ मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है, जबकि सरकार रविदास जैसे संत के मंदिर को तोड़ दिया। इससे साफ पता चलता है कि बहुजन समाज के प्रति सरकार का रवैया कैसा है।
जिलाधीश के नाम सौंपे गए ज्ञापन में भीम आर्मी की ओर से बताया गया है कि संत रविदास का पुराना मंदिर तोड़े जाने की घटना बहुजन समाज के प्रति सरकार के रवैये को दर्शाती है। बहुजन समाज के महापुरुषों के प्रति सरकार कितना मान सम्मान करती है, इस घटना से साफ हो गया है। देश भर में लाखों मंदिर सरकारी जमीन पर बनाये गए हैं लेकिन सरकार के निशाने पर बहुजन समाज के महापुरुषों के मंदिर ही हैं। आर्मी ने इस घटना को अनुसूचित जाति/जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के लिए संकट की स्थिति बताने समेत केंद्र सरकार के विरोध में संघर्ष करने का आव्हान किया। इसके अलावा तोड़े गए मंदिर का पुनर्निर्माण कराये जाने और आर्मी के गिरफ्तार नेता चंद्रशेखर, विनय रतन सिंह समेत 96 कार्यकर्ताओं को बिना शर्त रिहा किए जाने की मांग की है।