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संबलपुर की जिलों में बढ़ी कैदियों की संख्या

पश्चिम ओडिशा में हाईकोर्ट की स्थाई खंडपीठ स्थापित करने की मांग

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 04:40 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 04:40 PM (IST)
संबलपुर की जिलों में बढ़ी कैदियों की संख्या
संबलपुर की जिलों में बढ़ी कैदियों की संख्या

जागरण संवाददाता, संबलपुर : पश्चिम ओडिशा में हाईकोर्ट की स्थाई खंडपीठ स्थापित करने की मांग को लेकर पांच सितंबर से संबलपुर जिला वकील संघ के काम बंद आंदोलन का साइड इफेक्ट होने लगा है। इससे जिला की अलग अलग जेलों में बंदियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। विभिन्न मामलों में गिरफ्तार लोगों की जमानत नहीं होने से समस्या और गंभीर हो गई है। माना जा रहा है कि यह संख्या अभी और बढ़ सकती है क्योंकि आंदोलन कुछ दिन जारी रह सकता है। संभवत: तीन अक्टूबर से अदालत का कामकाज सामान्य हो।

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बुधवार को संबलपुर जिला न्यायाधीश मलय कुमार दास, जिलाधीश समर्थ वर्मा और जिला पुलिस अधीक्षक संजीव अरोरा ने संबलपुर मंडल जेल का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। संबलपुर मंडल जेल 541, कु¨चडा सब जेल में 80 और रेढ़ाखोल सबजेल में 29 बंदियों के रखे जाने की व्यवस्था है। जबकि वर्तमान में इन तीनों जेलों में कुल बंदियों की संख्या 650 से बढ़कर 996 हो गई है।

संबलपुर मंडल जेल अधीक्षक अमीय पटनायक के अनुसार, पिछले एक पखवाड़े के दौरान मंडल जेल में बंदियों की संख्या 541 से 841, कु¨चडा सब जेल में 80 से बढ़कर 101 और रेढ़ाखोल सब जेल में 29 से बढ़कर 54 हो गई है जबकि संबलपुर नारी बंदी निकेतन में 55 के मुकाबले केवल 32 महिला बंदिनी है। जेल अधीक्षक ने बताया कि संबलपुर मंडल जेल में 700 बंदियों तक के रहने से कोई असुविधा नहीं लेकिन अधिक दिनों तक क्षमता से अधिक बंदियों के रहने से परेशानी हो सकती है।

उन्होंने बताया कि जिला न्यायाधीश, जिलाधीश और पुलिस अधीक्षक मंडल जेल के दौरे पर आए और स्थिति का जायजा लिया है। संभव है कि बंदियों की बढ़ती संख्या से निपटने का कोई रास्ता निकल जाए। बताया गया है कि वकील संघ का यह आंदोलन 20 सितंबर को खत्म होना था। लेकिन झारसुगुड़ा में केंद्रीय कमेटी की बैठक में इसे 26 सितंबर तक जारी रखने का निर्णय लिया है। इसके बाद 27 सितंबर से वकील संघ का तीन दिवसीय आंदोलन शुरू होगा और गांधी जयंती को लेकर दो अक्टूबर को भी अदालत बंद रहेगा। ऐसे में अब अदालत का कामकाज तीन अक्टूबर से स्वभाविक होने की संभावना है। खबर है कि छोटे मोटे मामलों में गिरफ्तार होकर जेल जाने वाले अपनी किस्मत पर आंसू बहा रहे हैं। हाईकोर्ट के वकीलों के आंदोलन की वजह से भी उन्हें रिहाई के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।

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संबलपुर मंडल जेल में बंदियों को कोई खास असुविधा नहीं हो रही है। जमानत नहीं हो पाने की वजह से बंदियों की संख्या थोड़ी बढ़ गई है लेकिन जेल प्रबंधन स्थिति को निपटने में सक्षम है।

- समर्थ वर्मा, जिलाधीश।

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एक पखवाड़े के दौरान अचानक बंदियों की संख्या बढ़ जाने से अन्य बंदियों को थोड़ी असुविधा हो रही है। लेकिन परेशानी की कोई बात नहीं। जिला और जेल प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।

- संजीव अरोरा, पुलिस अधीक्षक।


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