'प्रयास' से बढ़ेगी प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता
देश में पिछले कई वर्षों से लागू शिक्षा अधिकार अधिनियम के बावजूद संबलपुर जिला में प्राथमिक शिक्षा का स्तर काफी दयनीय स्थिति में है ।
संसू, संबलपुर : देश में पिछले कई वर्षों से लागू शिक्षा अधिकार अधिनियम के बावजूद नगर में प्राथमिक शिक्षा का स्तर दयनीय स्थिति में है। ओडिशा के 30 जिलों में संबलपुर का स्थान 29 वां है । ऐसे में यहां प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन ने प्रयास कार्यक्रम शुरू करने समेत समस्त नौ ब्लॉक के लिए विशिष्ट अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
शनिवार को चंद्रशेखर बेहरा जिला स्कूल परिसर में जिला प्रशासन की ओर से शिक्षाअधिकारी सुबोध दास की अध्यक्षता में आयोजित प्रयास कार्यक्रम में जिलाधीश शुभम सक्सेना ने मुख्य अतिथि के रूप में प्राथमिक शिक्षा की स्थिति पर चिता व्यक्त किया। उन्होंने 2017 के एसईआर के सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि जिला में प्राथमिक शिक्षा का नतीजा 50 फीसद से भी कम आकलन किया गया है। राज्य के 30 जिलों में से संबलपुर का स्थान 29 वां है। जिले में तीसरी कक्षा तक का नतीजा 46 फीसद, पांचवीं तक का 38 फीसद और आठवीं कक्षा तक का नतीजा 35 फीसद तक सीमित रह गया है। ऐसे में यहां प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने की सख्त आवश्यकता है। दास ने सुझाव दिया कि प्राथमिक शिक्षा के दौरान दक्षता विकास पर जोर देने से समस्या का समाधान संभव है।
इस कार्यक्रम में जिले के बामडा ब्लॉक के प्राथमिक स्कूलों के लिए आइटीडीए पवित्र मोहन बेहरा, धनकौड़ा के लिए एलओ सरोज मिश्र, जमनकिरा के लिए कुचिडा उपजिलाधीश विश्वरंजन नायक, जुजुमुरा के लिए संबलपुर महानगर निगम आयुक्त त्रिलोचन माझी, कुचिडा के लिए जिला ग्रामीण विकास संस्था के परियोजना निदेशक सुकांत त्रिपाठी, मानेश्वर के लिए सदर उपजिलाधीश अनिरुद्ध प्रधान, नाकटीदेउल के लिए रेढ़ाखोल उपजिलाधीश बिशिकेसन देहुरी, रेढ़ाखोल के लिए जिला ग्रामीण विकास संस्था के अतिरिक्त परियोजना निदेशक महेंद्र महापात्र और रेंगाली ब्लॉक के लिए अतिरिक्त जिलाधीश अजय जेना को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
जिला प्रशासन की ओर से सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से लेकर पांचवीं तक के विद्यार्थियों के लिए विषय उपयोगी दक्षता हासिल करने के लिए आवश्यक सामग्री मुहैया कराने, शिक्षकों के बीच बेहतर तालमेल के लिए व्हाट्सअप ग्रुप बनाने और आगामी एक सप्ताह के अंदर ब्लॉक शिक्षाधिकारियों, प्रधानशिक्षकों और सीआरसीसी की बैठक बुलाने और इसपर प्रशिक्षण दिए जाने का निर्णय लिया गया।