दूरस्थ शिक्षा का प्रथम छात्र था एकलव्य : कुलपति
दूरस्थ शिक्षा प्रणाली को आज के कामकाजी लोगों के लिए शिक्षा का उचित माध्यम बताते हुए बाबासाहेब आंबेदकर मुक्त विश्वविद्यालय अहमदाबाद की कुलपति प्रो. आमीयू. उपाध्याय ने महाभारत के एकलव्य का हवाला देते हुए उसे विश्व का प्रथम दूरस्थ शिक्षा प्रणाली का छात्र बताया।
संवाद सूत्र, संबलपुर : दूरस्थ शिक्षा प्रणाली को आज के कामकाजी लोगों के लिए शिक्षा का उचित माध्यम बताते हुए बाबासाहेब आंबेडकर मुक्त विश्वविद्यालय, अहमदाबाद के कुलपति प्रो. आमी यू उपाध्याय ने महाभारत के एकलव्य का हवाला देते हुए उसे विश्व का प्रथम दूरस्थ शिक्षा प्रणाली का छात्र बताया। उन्होंने कहा कि गुरुकुल में शिक्षा नहीं मिलने के बावजूद एकलव्य ने दूर रहकर शिक्षा प्राप्त कर अर्जुन के समकक्ष बनने में सफल हुए थे। शुक्रवार को संबलपुर जिला प्रेक्षालय तपस्विनी में ओडिशा मुक्त विश्वविद्यालय का तृतीय दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ। कुलाधिपति व राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह में मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. उपाध्याय ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा ग्रहण कर उत्तीर्ण होने वाला प्रत्येक छात्र किसी एकलव्य से कम नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रचित एक कविता का हवाला देते हुए किसी पर निर्भर नहीं रहने और अपना रास्ता खुद तय करने और एक छोटी लौ बनकर दूसरों को आलोकित करने की कोशिश करने का आह्वान किया।
मुक्त विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. मानस रंजन पुजारी ने स्वागत भाषण प्रदान किया। जबकि कुलपति प्रो. श्रीकांत महापात्र ने वार्षिक लेखाजोखा पाठ करते हुए विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को उल्लेख किया। बताया कि चलित शिक्षावर्ष में 50 से अधिक डिग्री पाठ्यक्रम में दाखिला लेने वालों में युवतियों और महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है। इससे साफ है कि ओडिशा में महिला साक्षरता बढ़ी है।
इस दीक्षांत समारोह में 15 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक समेत दर्जनों को डिग्री प्रदान की गयी। इस अवसर पर प्रबंधन कमेटी के सदस्य प्रो. मृणाल चटर्जी, एससी गर्ग, प्रो. आदित्य प्रसाद पाढ़ी समेत गंगाधर मेहेर यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. अतनु पति, कुलसचिव यूसी पति, पूर्व विधायक डॉ. रासेश्वरी पाणिग्राही, लाला लाजपत राय लॉ कॉलेज के अध्यक्ष डॉ. विजयानंद बेहरा प्रमुख उपस्थित थे।