असरदार रहा किसानों का महाबंद और आर्थिक नाकाबंदी
कुचिडा अनुमंडल के बामड़ा समेत जमन किरा और कुचिंडा ब्लॉक के कृषक संगठनों की ओर से आहूत महाबंद व आर्थिक नाकाबंदी का बुधवार को व्यापक असर दिखा।
संवाद सूत्र, बामड़ा: कुचिडा अनुमंडल के बामड़ा समेत जमनकिरा और कुचिंडा ब्लॉक के कृषक संगठनों द्वारा इनपुट सब्सिडी और कृषि बीमा राशि के भुगतान की मांग पर बुधवार को आहूत महाबंद और आर्थिक नाकाबंदी असरदार रहा। सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक चले इस आंदोलन के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग 49, 53, 200 के साथ राज्यमार्ग में सैकड़ों की संख्या में वाहन फंसे रहे। इसके अलावा सरकारी, गैर सरकारी संस्थान, दुकान-बाजार, स्कूल, कॉलेज सहित बस यातायात पूरी तरह से ठप रहा। इस दौरान गरपोस, बामड़ा, केसइबहाल के साथ कुचिडा और जमनकिरा ब्लॉक मुख्यालय में सैकड़ों की संख्या में किसानों ने एकत्रित होकर प्रदर्शन एवं सभा कर सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए। बामड़ा बस स्टैंड चौक में जय किसान आदिम कृषक सुरक्षा संगठन के संयोजक योगबिहारी परिडा के नेतृत्व में तीन हजार से अधिक किसानों ने अपनी आवाज बुलंद की। पश्चिम ओडिशा कृषक संगठन के संयोजक अशोक प्रधान ने कुचिडा और जमनकिरा में किसानों को संबोधित किया।
प्रशासनिक घोषणा के बावजूद आंदोलन जारी रखने की चेतावनी : किसानों के आंदोलन को लेकर प्रशासन सतर्क था। मंगलवार की रात को जिला प्रशासन ने 9 में से 5 ब्लॉक बामड़ा, जमनकिरा, मानेश्वर, नकटी देउल और जुजुमुरा ब्लॉक के लिए आननफानन में 18 करोड़ रुपये इनपुट सब्सिडी संबंधित तहसीलदार को दिए जाने की घोषणा की। लेकिन किसानों ने फसल बीमा राशि और अन्य मांगों को पूरी न करने पर आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है। बामड़ा से गरपोष के बीच 22 किमी रेल ट्रैक में रेल रोको आंदोलन करने की बात कही गई। किसानों का आरोप है कि बीमा कंपनी द्वारा कुचिडा अनुमंडल के अलावा सारे राज्य में फसल बीमा प्रदान किया जा चुका है।
बीमा कंपनी के एजेंट के रूप में काम रहा शासन-प्रशासन
किसान संगठनों का आरोप है कि जिला प्रशासन ने भी क्रॉप कटिग रिपोर्ट के अनुसार किसानों को बीमा राशि प्रदान करने की अनुसंशा की है। लेकिन राज्य सरकार और आला अधिकारी बीमा कंपनी के एजेंट के रूप में कार्य कर रहे हैं। संघ के नेताओं ने कहा कि बामड़ा ब्लॉक में 32000 हेक्टेयर खेती की जमीन है और यहां के 90 फीसद लोग किसान है। लेकिन एक फीसद जमीन में भी सिचाई की व्यवस्था नहीं है। आगामी दिनों में सभी जमीन में सिचाई की व्यवस्था मुहैया न कराने पर भयंकर आंदोलन करने की चेतावनी कृषक नेताओं ने दी है।