आरपार लड़ाई के मूड में वकील संघ
सूबे के विभिन्न जेलों में कैंप कोर्ट लगाकर बंदियों को जमानत पर रिहा किए जाने की घटना से नाराज वकीलों ने आरपार की लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया है।
जागरण संवाददाता, संबलपुर : सूबे के विभिन्न जेलों में कैंप कोर्ट लगाकर बंदियों को जमानत पर रिहा किए जाने की घटना से नाराज वकील संघ ने इस बार आरपार की लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया है।
मंगलवार को जिला वकील संघ एक्शन कमेटी की कोर कमेटी की बैठक के बाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को तीन दिनों के अंदर स्थायी खंडपीठ के मसले पर रिपोर्ट देने समेत केंद्र एवं राज्य सरकार को इस पर कार्रवाई करने के लिए सात दिन का समय दिया गया है। ऐसा नहीं होने पर जेलों में लग रही कैंप कोर्ट का विरोध और केंद्र एवं राज्य सरकार के कार्यालयों में कामकाज ठप करने की चेतावनी दी गई है।
जिला वकील संघ के अध्यक्ष विजितेंद्रीय प्रधान की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में अफसोस जताया गया कि पश्चिम ओडिशा में स्थायी खंडपीठ स्थापित किए जाने की मांग पर केंद्र और राज्य सरकार गंभीर नहीं है। ऐसे में अब वकीलों को इस मांग के लिए आरपार की लड़ाई लड़नी पड़ रही है। कहा कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए एक विशेष कमेटी गठन करने का आश्वासन दिया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ है।
कोर कमेटी की इस बैठक में स्थायी खंडपीठ के मुद्दे पर ओडिशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा रिपेार्ट नहीं दिए जाने पर विभिन्न जेलों में शुरू कैंप कोर्ट का विरोध करने और 7 नवंबर से केंद्र और राज्य सरकार के कार्यालयों को अचल करने की चेतावनी दी गई है। उल्लेखनीय है कि पांच सितंबर से शुरू वकील संघ के कामबंद आंदोलन की वजह से न्यायिक अदालतों, राजस्व अदालत, राजस्व आयुक्त, जिलाधीश, उपजिलाधीश, तहसील, आंचलिक परिवहन और आयकर कार्यालय में कामकाज ठप है।