Odisha: मलकानगिरी में ईनामी महिला नक्सली ने किया आत्मसमर्पण
Odisha एक लाख रुपये की ईनामी महिला नक्सली लच्छी खरा उर्फ लच्छी उर्फ गीता ने मलकानगिरी जिला पुलिस अधीक्षक ऋषिकेश खिलारी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। उसने बताया कि सीएम व पुलिस महानिर्देशक की अपील के बाद कई नक्सली भी हिंसा की राह छोड़ मुख्यधारा में शामिल होना चाहते हैं।
संवाद सूत्र, संबलपुर। Odisha: ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा मलकानगिरी जिला के स्वाभिमान अंचल के विकास और ओडिशा के पुलिस महानिर्देशक अभय द्वारा मलकानगिरी जिला में सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त कर नक्सलियों को समाज के मुख्यधारा में वापस लौट आने की अपील का असर होने लगा है। रविवार को इसी से प्रेरित होकर एक लाख रुपये की ईनामी महिला नक्सली लच्छी खरा उर्फ लच्छी उर्फ गीता ने मलकानगिरी जिला पुलिस अधीक्षक ऋषिकेश खिलारी के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। उसने बताया कि मुख्यमंत्री और पुलिस महानिर्देशक की अपील के बाद कई और नक्सली भी हिंसा की राह छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होना चाहते हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश के बड़े नक्सली नेता उन्हें रोकने समेत जान से मार डालने की धमकी देते हैं।
ओडिशा के आईजी (ऑपरेशन) अमिताभ ठाकुर और मलकानगिरी जिला पुलिस अधीक्षक ऋषिकेश खिलारी के अनुसार, रविवार के दिन गुम्मा लोकल दलम की पार्टी मेंबर व मलकानगिरी जिला के स्वाभिमान अंचल के जोडांब थाना अंतर्गत मुकुडीपाली गांव की लच्छी खरा उर्फ लच्छी उर्फ गीता ने मलकानगिरी जिला पुलिस कार्यालय में आकर पुलिस और बीएसएफ के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। सीमांत पर इन दिनों अंतरराज्यीय संयुक्त नक्सल विरोधी अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान में मलकानगिरी पुलिस, आंध्र पुलिस, बीएसएफ , स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और ग्रेहाउंड के जवान शामिल हैं। ऐसे ही एक अभियान के दौरान अरलिंगपाड़ा गांव से नक्सल पार्टी मेंबर लच्छी खरा को पकड़ा गया था। तब उसे आत्मसमर्पण करने का मौका दिया गया था। इसी के बाद उसने यह आत्मसमर्पण किया। सरकार के प्रावधान के तहत लच्छी खरा को भी सहायता व सहयोग करने समेत उसे समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा।
उधर, आत्मसमर्पण करने वाली महिला नक्सली लच्छी खरा ने बताया है कि वह पिछले तीन वर्षों से आंध्र ओडिशा बॉर्डर जोनल स्पेशल कमेटी में कार्य करती रही। दो वर्षों तक वह सक्रिय मिलिसिया रही, जबकि पिछले एक वर्षों से वह पार्टी मेंबर के रुप में काम कर रही थी। उसने अफसोस जताया कि पार्टी के बड़े नेताओं का व्यवहार ओडिशा के नक्सलियों के साथ ठीक नहीं है और महिला कैडरों के साथ लिंगभेद किया जाता है। इसी को लेकर उसका मोहभंग होने लगा था और जब आत्मसमर्पण करने का मौका मिला, तब उसने समाज के मुख्यधारा में शामिल होने के लिए आत्मसमर्पण का राह चुना। उसने खुशी व्यक्त किया कि मलकानगिरी जैसे पिछड़े इलाके में ओडिशा सरकार की ओर से किया जा रहा विकास न केवल जिलावासियों की स्थिति बदलेगा बल्कि लोग नक्सली संगठनों से भी दूर होने लगेंगे।