एंबुलेंस को लेकर खिदमत के दो गुटों में विवाद
मुस्लिम सामाजिक व कल्याण संगठन खिदमत की एक एंबुलेंस बिक्री को लेकर विवाद हो
संसू, संबलपुर : मुस्लिम सामाजिक व कल्याण संगठन खिदमत की एक एंबुलेंस बिक्री को लेकर विवाद हो गया है। संगठन के पूर्व सदस्यों ने जिलाधीश समर्थ वर्मा से इसकी लिखित शिकायत की है। इसी शिकायत के बाद जिलाधीश वर्मा ने अतिरिक्त जिलाधीश को मामले की जांच करने का निर्देश दिया है। संगठन के पूर्व सदस्यों का आरोप है कि गरीब मरीजों की सेवा के लिए चंदे से एंबुलेंस खरीदी गई थी और इसका पंजीकरण संगठन के सचिव मो. जावेद के नाम किया गया था। इधर, सचिव मो. जावेद ने आरोप को निराधार बताते हुए कहा कि एंबुलेंस उन्होंने अपनी राशि से खरीदा था और रुपये की आवश्यकता पड़ने पर बेच दिया। उन्होंने यह भी बताया कि संगठन से जिन सदस्यों को निकाल दिया गया है। वहीं व्यक्तिगत दुश्मनी की खातिर निराधार आरोप लगा रहे हैं।
संगठन के पूर्व सदस्य आतिफ आलम, मो. मुख्तार, मो. मुनीर, मो. राजा, मिराज अहमद, मो. सैयद अली, मो. इरशाद, मो. इम्तियाज अली, मो. फरमान अली और महमूद हुसैन ने जिलाधीश को सौंपे गए ज्ञापन में बताया है कि गरीबों की सहायता के लिए वर्ष 2015 में मुस्लिम सामाजिक व कल्याण संगठन खिदमत का पंजीकरण हुआ था। इस संगठन का उद्देश्य बगैर किसी सरकारी सहायता के संगठन के सदस्यों और मुस्लिम समाज के लोगों से चंदा संग्रह कर सेवाकार्य करना था। इसी की खातिर चंदा राशि से एक एंबुलेंस खरीदी गई थी और इसका पंजीकरण संगठन के तत्कालीन सचिव मो. जावेद के नाम किया गया था। वर्ष 2017 में इस एंबुलेंस को बगैर किसी को कुछ बताए बेच दिया गया। इसका पता चलने के बाद जब संगठन के पूर्व सदस्यों ने सवाल जवाब करते हुए एंबुलेंस बिक्री की राशि संगठन के खाते में जमा कराए जाने को कहा था, जो अब तक जमा नहीं कराई गई है।