किसानों को कर्ज माफी की नहीं, मुक्ति की जरूरत
तीन प्रदेशों में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद वहां के किसानों का कर्ज माफ किए जाने के बाद राज्य सरकार द्वारा शुरू कालिया योजना को लेकर किसानों ने सवाल खड़ा किया है।
संबलपुर, जेएनएन। तीन प्रदेशों में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद वहां के किसानों का कर्ज माफ किए जाने के बाद ओडिशा में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा किसानों के लिए शुरू कालिया योजना को लेकर पश्चिम ओडिशा कृषक संगठन समन्वय समिति ने सवाल खड़ा किया है। कहा है कि इस योजना की कार्यकारिता व किसानों की भलाई को लेकर असमंजस की स्थिति उत्पन्न होने लगी है।
मंगलवार को मीडिया से बातचीत में समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि अगले वर्ष होने वाले चुनाव को ध्यान में रखकर राज्य सरकार की ओडिशा के किसानों को बरगलाने की कोशिश है, कालिया योजना। उन्होंने कहा कि अगर सरकार को किसानों की भलाई करनी है तो कर्ज माफ नहीं कर्ज से पूरी तरह से मुक्ति दिलाने की जरूरत है। इस मांग को लेकर पूरे देश के किसान व्यापक स्तर पर आंदोलन करने की रणनीति बना रहे है।
किसान नेता सरोज ने बताया कि नब्बे के दशक से किसान अत्याचार और शोषण का शिकार होते आ रहे है। किसानों को उनकी उपज का मूल्य और नुकसान का मुआवजा भी नहीं मिलता। केंद्र और राज्य सरकार की गलत नीतियों का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। हाल ही में ओडिशा सरकार ने कालिया योजना की शुरुआत की है। ओडिशा में करीब बीस लाख किसान परिवार कर्ज के बोझ से दबे हैं, लेकिन लाल फीताशाही से चलने वाली सरकार किसानों की नब्ज पहचानने में विफल साबित हुई है।
सरकारी बाबुओं द्वारा किए गए आकलन पर सरकार किसानों की भलाई की कोशिश कर रही है। जिसका लाभ अधिकांश गरीब किसानों को नहीं मिल पाएगा। समिति के संयोजक अशोक प्रधान और ¨लगराज ने भी किसानों की समस्याओं पर कहा कि मंडियों में धान की कटनी-छटनी पर सरकार की पाबंदी के बावजूद ऐसा हो रहा और सरकारी बाबू कुछ नहीं कर पा रहे है। हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा धान के मूल्य में वृद्धि किए जाने के बाद ओडिशा का धान छत्तीसगढ़ जाने लगा है। अगर सरकार किसानों की भलाई चाहती है तो एक बार उन्हें संपूर्ण कर्ज से मुक्ति दिलाए। मौके पर संबलपुर जिला कृषक संगठन के अध्यक्ष मुरारी प्रसाद पुरोहित, हरिशंकर पुरोहित, विभूती पटनायक, उमेशचंद्र मिश्र आदि उपस्थित थे।