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चक्रवात फनी से निपटने जिला प्रशासन अलर्ट

बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान फनी को लेकर ओडिशा सरकार के साथ-साथ संबलपुर जिला प्रशासन अलर्ट पर है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 May 2019 10:04 PM (IST)Updated: Sun, 05 May 2019 06:35 AM (IST)
चक्रवात फनी से निपटने जिला प्रशासन अलर्ट
चक्रवात फनी से निपटने जिला प्रशासन अलर्ट

संसू, संबलपुर : बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान 'फनी' को लेकर ओडिशा सरकार के साथ-साथ सूबे के कई जिलों के लोगों की चिता बढ़ गई है। चक्रवात तितली से हुए नुकसान से लोग उबर भी नहीं सके हैं कि एक और चक्रवात सामने खड़ा हो गया है।

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गुरुवार को जिला प्रशासन की ओर से चक्रवाती तूफान फनी को लेकर समीक्षा बैठक करने समेत इससे निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा की गई। इस बैठक में जिला के सभी नौ ब्लॉक समेत संबलपुर महानगर निगम, रेढ़ाखोल और कुचिडा नगर निकाय के लिए की गई तैयारियों पर चर्चा की गयी।

बताया गया कि फनी से निपटने के लिए जिला में 453 अस्थायी आश्रयस्थल, 418 रोल पॉलीथिन, 10897.05 क्विंटल खाद्य सामग्री मौजूद है। बताया गया कि जिले में 12309 कच्चे और कमजोर मकान हैं। इनमें रह रहे लोगों को चक्रवात के दौरान सुरक्षित स्थानों में चले जाने को कहा गया है। साथ ही लोगों की सुविधा-असुविधा जानने के लिए 155 नोडल अफसर को ड्यूटी पर लगाया गया है ।

बताया गया है कि जिला के बामडा ब्लॉक में 986 कमजोर मकान हैं, यहां 34 अस्थायी आश्रय, धनकौड़ा में 120 कमजोर मकान, 6 अस्थायी आश्रय, जमनकिरा में 207 कमजोर मकान, 26 अस्थायी आश्रय, जुजुमुरा में 307 कमजोर मकान, 89 अस्थायी आश्रय, कुचिडा में 441 कमजोर मकान, 34 अस्थायी आश्रय, मानेश्वर में 30 कमजोर मकान, 6 अस्थायी आश्रय, नाकटिदेऊल में 702 कमजोर मकान, 63 अस्थायी आश्रय, रेढ़ाखोल में 753 कमजोर मकान, 140 अस्थायी आश्रय स्थल और रेंगाली ब्लॉक में 177 कमजोर मकान और वहां 36 अस्थायी आश्रय की व्यवस्था की गई है। इसी तरह महानगर निगम इलाके में 8317 कमजोर मकान हैं। यहां 4 अस्थायी आश्रय, रेढ़ाखोल निकाय इलाके में 150 कमजोर मकान, 2 अस्थायी आश्रय और कुचिडा निकाय इलाके में 125 कमजोर मकान और वहां 3 अस्थायी आश्रयस्थल की व्यवस्था की गई है।

सरकारी कर्मियों को मुख्यालय नहीं छोड़ने का निर्देश

चक्रवाती तूफान 'फनी' को लेकर संबलपुर जिला प्रशासन भी अलर्ट हो गया है। तेज हवा और जोरदार बारिश की संभावना को देखते हुए चार आश्रयस्थलों में लोगों के रहने-खाने की व्यवस्था की गई है। फनी के प्रभाव से गुरुवार की सुबह से संबलपुर में मौसम का मिजाज थोड़ा बिगड़ा नजर आया। धूप की तपिश कम होने के साथ हलकी हवा चलने लगी आसमान भी धुंधला बना रहा। बताया गया कि पुरी में फनी के लैंडफॉल के बाद संबलपुर में भी इसका प्रभाव पड़ेगा और तेज हवा के साथ बारिश शुरू हो जाएगी। जिला आपातकालीन अधिकारी धर्मानंद पंडा के अनुसार, जिला में इस प्राकृतिक आपदा से निपटने की पूरी तैयारी है। सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों से जिलाधीश की अनुमति के बगैर मुख्यालय से बाहर नहीं जाने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा जिला आपूर्ति अधिकारी से खाद्य सामग्री, जिला मुख्य चिकित्साधिकारी से आवश्यक दवा रखने को कहा गया है। जिला पशु अधिकारी को पशु संपदा सुरक्षित रखने समेत आपदा में फंसे लोगों की सहायता के लिए भूतापाड़ा, समलेश्वरी मंदिर, धमा और चांऊरपुर के निकट स्थित आश्रयस्थलों में बिजली और रात में रहने की व्यवस्था की गयी है। तेज हवा की वजह से टूटे पेड़ों और बिजली पोल को तुरंत हटाने और यातायात व्यवस्था को दुरुस्त रखे जाने पर विशेष ध्यान दिया गया है।


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