मरीज को डेढ़ किमी उठाकर चले एंबुलेंस कर्मचारी
कुछ वर्ष पहले तक नक्सलियों का ठिकाना रहे संबलपुर जिला के जुजुमुरा ब्लॉक के कई गांवों में अबतक यातायात लायक सड़क के नहीं होने से लोगों को असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है ।
संवाद सूत्र, संबलपुर कुछ वर्ष पहले तक नक्सलियों का ठिकाना रहे संबलपुर जिला के जुजुमुरा ब्लॉक के कई गांवों में अबतक यातायात लायक सड़क के नहीं होने से लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। खासकर मरीजों को लाने ले जाने में काफी परेशानी हो रही है। शुक्रवार को भी ऐसा ही हुआ। तिरपिटकानी गांव के 60 वर्षीय ईलारोष सोरेन को अस्पताल तक ले जाने के लिए 108 एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी। इस कारण एंबुलेंस कर्मचारी डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर गांव पहुंचे और मरीज को स्ट्रेचर में उठाकर पैदल एंबुलेंस तक लाने के बाद ईलारोष को पहले रेढ़ाखोल अस्पताल और फिर संबलपुर सदर अस्पताल लाकर भर्ती कराया।
बताया गया है कि जुजुमुरा ब्लॉक के टांपरगढ़ से तिरपिटकानी गांव के प्रवेश पथ तक प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत रोड बनायी गई है। लेकिन प्रवेशपथ से गांव के अंदर डेढ़ किमी तक सड़क नहीं होने से चारपहिया वाहन नहीं पहुंच पाता। शुक्रवार को गांव के ईलारोष सोरेन की तबीयत अधिक खराब होने पर 108 एंबुलेंस को सूचित किया गया। जुजुमुरा की एंबुलेंस खराब होने की वजह से जमनकिरा से एंबुलेंस पहुंची, लेकिन गांव तक पहुंच नहीं सकी। तब एंबुलेंस कर्मचारी अनिल नायक, जगदीश सुनानी और वेदव्यास प्रधान स्ट्रेचर लेकर पैदल डेढ़ किमी चलकर गांव पहुंचे और ईलारोष को स्ट्रेचर में लिटाकर पैदल एंबुलेंस तक लाए। बताया गया है कि जिला के कई ब्लॉक में अबतक यातायात लायक सड़क और पुल नहीं होने से गांववालों का जीवन मुश्किलों से भरा है। लेकिन शासन-प्रशासन को इसकी परवाह तक नहीं।