पुलिस कांस्टेबल नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप
डिजिटल इंडिया के इस दौर में संबलपुर जिला में पुलिस कांस्टेबल नियुक्ति क
संवाद सूत्र, संबलपुर : डिजिटल इंडिया के इस दौर में संबलपुर जिला में पुलिस कांस्टेबल नियुक्ति के लिए आयोजित परीक्षा का नतीजा सामने आने के बाद कई परीक्षार्थियों ने गड़बड़ी होने का आरोप लगाया है। इससे नाराज परीक्षार्थियों ने सोमवार की शाम जिला पुलिस कार्यालय के निकट नेल्सन मंडेला चौक पर धरना दिया। जिससे एक घंटे तक यातायात प्रभावित रहा। परीक्षार्थियों का आरोप था कि प्रकाशित प्रथम व द्वितीय सूची में उनका नाम था, जबकि संशोधित तृतीय सूची में उनका नाम गायब है। ऐसे में साफ जाहिर है कि नियुक्ति में जानबूझकर गड़बड़ी की गई है। इससे परीक्षार्थियों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है। वही, जिला पुलिस अधीक्षक संजीव अरोरा ने परीक्षार्थियों के इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए बताया कि कंप्यूटर की तकनीकी गड़बड़ी के कारण संशोधित तृतीय सूची जारी करनी पड़ी। जिसे लेकर कुछ परीक्षार्थियों में असंतोष है। उन्होंने बताया कि नियुक्ति प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती गई है और कहीं गड़बड़ी नहीं हुई है।
गौरतलब है कि ओडिशा पुलिस कांस्टेबल पद के लिए संबलपुर जिले में 61 पदों के लिए छह जुलाई तारीख से लेकर नौ सितंबर के बीच शारीरिक व लिखित परीक्षा हुई थी। कुल 61 पदों में से 24 पद अनुसूचित जाति व जनजाति, छह पद पिछड़ा वर्ग के परीक्षार्थियों के लिए आरक्षित था। अजा व अजजा परीक्षार्थियों के चयन के लिए कुल 90 अंक में 59 अंक तथा अन्य वर्ग के लिए 62 अंक प्राप्तांक मानक तय किया गया था। इस परीक्षा का नतीजा 13 सितंबर को प्रकाशित हुआ। अगले दिन इसे रद कर द्वितीय संशोधित सूची जारी की गई थी। बाद में इस सूची को भी रद कर 16 सितंबर को संशोधित तृतीय सूची प्रकाशित की गई। इसी के बाद विवाद शुरू हुआ। सोमवार को सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक असंतुष्ट परीक्षार्थियों ने जिला पुलिस अधीक्षक से मुलाकात करने की कोशिश की और शाम तक मुलाकात नहीं हो पाने के बाद नाराज परीक्षार्थियोंने नेल्सन मंडेला चौक पर एक घंटे तक धरना दिया। इसके बाद पुलिस अधीक्षक से उनकी मुलाकात कराई गई।
इस संबंध में रोहित नायक नामक परीक्षार्थी ने बताया है कि प्रथम सूची के अनुसूचित जाति वर्ग में उसका नाम था और 65 अंक मिले थे। जबकि संशोधित तृतीय सूची से उसका नाम गायब है और उसका नंबर भी 11 दर्शाया गया है। उसने धमकी दी है कि उसे नौकरी नहीं मिली तो वह खुदकुशी करने पर मजबूर हो जाएगा। इसी तरह प्रथम व द्वितीय सूची में परीक्षित किसान, नलिन किसान, विनता प्रधान, सुवनी पुरी, सारथी कलेत, बलराम कलेत आदि का नाम भी तृतीय सूची से गायब है। इन परीक्षार्थियों ने गड़बड़ी की निष्पक्ष जांच कराने व उन्हें नियुक्ति देने की मांग की है।