सावधान! संबलपुर में फिर पैर पसार रहा जांडिस
जीने के लिए पानी पीने को मजबूर लोगों को एक बार फिर से जांडिस का खतरा सताने लगा है।
संसू, संबलपुर : जीने के लिए पानी पीने को मजबूर लोगों को एक बार फिर से जांडिस का खतरा सताने लगा है। संबलपुर महानगर निगम और जनस्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से निगम क्षेत्र में पांच साल बाद दोबारा जांडिस दस्तक देने लगा है। गौरतलब है कि 2014 में इसी जांडिस की वजह से संबलपुर और आसपास के इलाकों में तीन दर्जन से अधिक लोगों की मौत के बाद प्रशासन की आंख खुली थी। जिसके बाद प्रशासन ने जांडिस से निपटने का अभियान शुरू किया था। लेकिन जांडिस के थोड़ा काबू में आते ही अभियान को आधे में बंद कर दिया गया था। प्रशासन की इसी लापरवाही का खामियाजा लोग फिर से भुगत रहें हैं । खेतराजपुर के चंदननगर में रहने वाली फूलदेवी ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि पानी पीने की सजा उसे पहले जांडिस और फिर ब्लड कैंसर तक ले जाएगी। उसने जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा सप्लाई पानी पीया और अब गंभीर रूप से बीमार होकर इलाजरत है। डॉक्टर की मानें तो अब फूलदेवी का जांडिस ब्लड कैंसर का रूप ले चुका है। चंदननगर निवासी लालजी विश्वकर्मा की पत्नी फूलदेवी करीब तीन महीने पहले बीमार हुई थी। जांच के बाद पता चला कि वह जांडिस से पीड़ित हैं। तब उन्हें इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके बाद उनका बुर्ला और कटक मेडिकल अस्पताल में भी इलाज किया गया। लेकिन जांडिस ने फूलदेवी का पीछा नहीं छोड़ा और अब यह ब्लड कैंसर का रूप ले चुका है। फूलदेवी को कटक से वापस घर लाया गया है और इलाज जारी है। लेकिन उनकी बीमारी कम नहीं हो रही । पिछले कुछ दिनों से उन्होंने खाना पीना भी बंद सा कर दिया है। ऐसे में पूरा परिवार उन्हें लेकर चिता में है ।
गौरतलब है कि संबलपुर नगरपालिका को सरकार ने भले ही महानगर निगम का दर्जा दे दिया है। लेकिन निगम के अधिकारियों की मानसिकता नगरपालिका के अधिकारियों जैसी है। निगम के नाम पर टैक्स वसूली करना और कथित रूप से स्वच्छता अभियान चलाने का ढिढोरा पीटे जाने के बावजूद लोगों को मौलिक सुविधा नहीं मिल सकी है। और तो और निगम का ऐसा कोई इलाका नहीं जहां के नाली-गली में कचरे का ढेर नहीं जमा हो। गंदी नालियों के बीच पानी की पाइपलाइन और टूटे फूटे पाइप से गंदा पानी लोगों के घरों तक पहुंच रहा है और जांडिस को बुलावा दे रहा है।