आरती देवी हत्याकांड में पति समेत पांच गिरफ्तार
बहुचर्चित आरती देवी हत्याकांड में पुलिस ने उसके पति कुणाल सिंह यादव समेत पांच रिश्तेदारों को गिरफ्तार कर रविवार को न्यायिक हिरासत में जेल तो भेज दिया है लेकिन कई सवालों का जवाब पुलिस की ओर से नहीं दिए जाने से इस घटना का पूरी तरह पर्दाफाश नहीं हो सका है।
संवाद सूत्र, संबलपुर : बहुचर्चित आरती देवी हत्याकांड में पुलिस ने उसके पति कुणाल सिंह यादव समेत पांच रिश्तेदारों को गिरफ्तार कर रविवार को न्यायिक हिरासत में जेल तो भेज दिया है लेकिन कई सवालों का जवाब पुलिस की ओर से नहीं दिए जाने से इस घटना का पूरी तरह पर्दाफाश नहीं हो सका है। सदर एसडीपीओ तपन कुमार महांती के अनुसार, 31 दिसंबर की रात पति कुणाल और पत्नी आरती के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। गुस्से में आकर पति कुणाल ने आरती के सिर पर किसी चीज से मारा था, जिससे उसकी मौत हो गयी थी।
आरती की मौत को छिपाने की खातिर पहली जनवरी की रात उसके शव को संबलपुर सिटी स्टेशन के निकट आमबुरेई इलाके में ले जाकर दफना दिया गया था। इसके लिए कुणाल और उसके रिश्तेदारों ने गड्ढा खोद रखा था। शव को दफनाने के दो दिन बाद आरती के कहीं लापता होने का झूठा मामला धनुपाली थाने में दर्ज कराया गया था। आरती के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस घटना की जांच पड़ताल कर रही थी। तभी आरती के पिता सत्येंद्र सिंह ने 9 जनवरी को महिला थाने में आरती के ससुराल वालों के खिलाफ दहेज अत्याचार का आरोप लगते हुए रिपोर्ट दर्ज करायी। आरती के लापता होने की रिपोर्ट करने के बाद 5 जनवरी से कुणाल, उसके माता-पिता और भाई- भाभी कहीं गायब हो गए थे। ऐसे में लापता आरती और उसके गायब ससुराल वालों की तलाश में पुलिस को बिहार तक जाना पड़ा। इसी बीच पति कुणाल पुलिस के हाथ लग गया और उसकी निशानदेही के बाद 18 जनवरी को आरती का शव बरामद हुआ। कुणाल ने अपनी सफाई में बताया कि 31 दिसंबर की रात के झगड़े के बाद आरती ने घर में फांसी लगाकर खुदकशी कर ली थी। ऐसे में पुलिस से बचने के लिए उन्होंने उसका शव सिटी स्टेशन के निकट आमबुरेई इलाके में ले जाकर दफना दिया था। कुणाल से मिली जानकारी के बाद पुलिस ने उसके बड़े भाई सोनू सिंह यादव, बड़े साढ़ू मनीष सिंह समेत मनीष के पिता ओमप्रकाश सिंह उर्फ सुनील और माता विनता देवी को गिरफ्तार किया है।
उल्लेखनीय है कि 5 जनवरी 2018 को बिहार के भोजपुर जिला की आरती देवी का विवाह जिले के ही मूल निवासी श्यामबाबू यादव के छोटे पुत्र कुणाल सिंह यादव के साथ हुआ था। कुणाल संबलपुर में रहकर ऑटो चलाता है और अपने माता- पिता और भाई-भाभी के साथ साक्षीपाड़ा के बाहालपाड़ा में रहता है। आरती की बड़ी बहन का विवाह भी साक्षीपाड़ा में रहने वाले मनीष सिंह के साथ हुआ है। मनीष भी अपने पिता-माता के साथ रहता है। आरती की मौत के बाद मनीष और उसके माता-पिता ने कुणाल और उसके परिवार को उनका अपराध छिपाने में सहायता की थी।