महामारी की मार से चरमराई अर्थनीति को गति देगी बजट
सोमवार को विधानसभा में पेश की गई 2021-22 बजट ओडिशा की आर्थिक विकास के लिए नई आशा एवं संभावनाओं का सृजन किया है।
संवाद सूत्र, संबलपुर : सोमवार को विधानसभा में पेश की गई 2021-22 बजट ओडिशा की आर्थिक विकास के लिए नई आशा एवं संभावनाओं का सृजन किया है। यह बजट कोरोना महामारी की मार से चरमराई राज्य की अर्थनीति को संतुलित करने सहित राज्य की आर्थिक विकास को गति देने की दिशा में सहायक साबित होगा। बीजू जनता दल की प्रवक्ता सह संबलपुर की पूर्व विधायक डॉ. रासेश्वरी पाणिग्राही ने राज्य सरकार के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बात कही है।
डॉ. पाणिग्राही ने बताया कि केंद्र सरकार का विभिन्न अनुदान कम होने के बावजूद भी राज्य सरकार ने विगत वर्ष के बजट आकार से 26 फीसद अधिक किया है। इसके साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, कृषि, पेयजल, पर्यटन आदि क्षेत्र को आगामी बजट में अहमियत दी गई है। विशेष रूप से पश्चिम ओडिशा एवं केबीके जिला के प्रति राज्य सरकार ने इस बजट में बल दिया है। सिचाई, आवागमन, क्रीड़ा आदि क्षेत्र को अलग-अलग तौर पर कोष की व्यवस्था की है। कुल मिलाकर पश्चिम ओड़िशा सहित राज्य के आर्थिक विकास के लिए यह एक सशक्त एवं प्रभावशाली बजट है। हरवर्ग को फायदा मिलेगा। राज्य सरकार पर श्रमिकों की उपेक्षा का आरोप : राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2021-22 के लिए 1.75 लाख करोड़ का बजट पेश किया गया है। इसमें श्रमिक, कृषक एवं बेरोजगारों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए सीटू तथा अखिल भारतीय गणतांत्रिक महिला फेडरेशन की ओर से प्रदर्शन किया गया।
संगठन की ओर से कहा गया है कि कोरोना महामारी के दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य क्षेत्र की बजट में मामूली बढ़ोत्तरी की गई है। सरकार की ओर से अधिक नियुक्ति के लिए कदम नहीं उठाया गया। राज्य में बेरोजगारी की समस्या जटिल होती जा रही है पर इसके समाधान नहीं किया जा रहा है। इस बजट से युवा पीढ़ी निराश हुई है। प्रदर्शन में सीटू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विष्णु महंती, दुष्मंत दास, विधायक लक्ष्मण मुंडा आदि लोग शामिल थे।