व्यवसायी नरेश अपहरण कांड में तीन और धराए
सब हेड देहरादून से हुई गिरफ्तारी कर्ज में डूबे साथियों के साथ बनायी थी योजना कैचवर्ड ि
सब हेड : देहरादून से हुई गिरफ्तारी, कर्ज में डूबे साथियों के साथ बनायी थी योजना
कैचवर्ड : गिरफ्त में शातिर
- परिवार से मांगी गयी थी दो करोड़ रुपए की फिरौती
- मास्टरमाइंड की तलाश में पुलिस गयी उत्तराखंड
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संवाद सूत्र, संबलपुर : बरेईपाली निवासी व स्टील एंड स्टील दुकान के मालिक नरेश कुमार अग्रवाल अपहरण कांड में पुलिस ने रविवार को तीन और अपहर्ताओं को गिरफ्तार कर अपहरण कांड का पर्दाफाश किया है। गिरफ्तार होने वालों में धनुपाली थाना अंतर्गत मोतीझरण के मो. आसिफ, धनकौड़ा के मो. सैफुल तारिक और मायाबगीचा के मो. अली उर्फ राजा शामिल हैं। इनके पास से अपहरण के दौरान व्यवसायी नरेश से लूटी गयी सोने का चेन और अंगूठी बरामद मिला है। पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है कि अपहर्ता पहले व्यवसायी नरेश अग्रवाल के पुत्र आलोक अग्रवाल के अपहरण की योजना बनाए थे, लेकिन बाद में अपनी योजना को बदल दिया और नरेश का अपहरण कर परिवार से दो करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी। पुलिस की सक्रियता और चारों तरफ से घिरने के बाद अपहर्ता बगैर फिरौती वसूले व्यावायी को छोड़कर फरार हो गए थे। इस कांड में अबतक चार अपहर्ता गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि मास्टरमाइंड राजीव दुआ कहीं फरार है।
जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. कंवर विशाल सिंह के अनुसार व्यवसायी नरेश कुमार अग्रवाल अपहरण कांड का मास्टरमाइंड राजीव दुआ है। कुछ महीने पहले उसने संबलपुर के मोतीझरण निवासी मो. आसिफ, धनकौड़ा निवासी मोहम्मद सैफुल तारिक, मायाबगीचा निवासी मो. अली उ़र्फ राजा, झारसुगुडा जिला के समासिघा निवासी हिमांशु बंछोर और कोलकाता के एक व्यक्ति के साथ मिलकर व्यवसायी नरेश के छोटे पुत्र 30 वर्षीय आलोक का अपहरण कर फिरौती मांगने का योजना बनाया था और इसके लिए पूरी तैयारी भी कर ली गयी थी। बाद में किसी वजह से योजना में बदलाव कर आलोक के बजाय उसके पिता नरेश का अपहरण करने का निर्णय लिया गया। अपहरण की खबर लगते ही सदर एसडीपीओ तपन महांती के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया गया और व्यवसायी नरेश अग्रवाल समेत अपहर्ताओं की तलाश शुरु कर दी गयी। पुलिस को कुछ ही देर बाद पता चल गया था कि अपहर्ता जमादारपाली की ओर ले गए हैं। पुलिस की सक्रियता और खुद को चारों तरफ से घिरे पाने के बाद अपहर्ता बगैर फिरौती के रुपए वसूले व्यवसायी नरेश को हीराकुद में छोड़कर फरार हो गए थे। अबतक की पूछताछ से पुलिस को पता चला है कि फिरौती की खातिर अपहरण की योजना का मास्टरमाइंड राजीव दुआ है, जिसे उत्तराखंड के देहरादून से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। रविवार की दोपहर संबलपुर पुलिस को उसकी गिऱफ्तारी की सूचना मिलने के बाद यहां से एक पुलिस टीम को देहरादून भेजा जा गया है। संबलपुर और देहरादून पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राजीव दुआ मूलत देहरादून के अंसारी मार्केट, पल्टन बाजार इलाके का रहने वाला है। देहरादून में उसका कपडे का दूकान था। दूकान नहीं चलने और घाटा होने से उसपर कर्ज चढ़ गया था। ऐसे में वह 2018 में अपने मामा के घर रहने संबलपुर आ गया था। संबलपुर में भी उसने कपड़ा दूकान शुरु किया, लेकिन दूकान नहीं चला और उसपर कर्ज बढ़ गया।
देहरादून पुलिस को दिए गए अपने बयान में मास्टरमाइंड राजीव दुआ ने बताया है कि संबलपुर में रहने के दौरान उसकी जान पहचान मोहम्मद सैफुल तारिक और मोहम्मद अली उ़र्फ राजा के साथ हुई। यह दोनों भी कर्ज में डूबे थे। ऐसे में कर्ज से उबरने के लिए किसी मालदार का अपहरण की योजना बनायी गयी। राजीव के मामा के घर के पास ही व्यवसायी नरेश का घर है। नरेश के पास करोड़ों की संपति को देखते हुए उसका अपहरण करने की योजना बनायीं गयी। इसके लिए नरेश पर न•ार रखा जाने लगा और 10 जुलाई के दिन नरेश का अपहरण करने का मौ़का मिल गया। नरेश का अपहरण कर दो करोड़ रुपए की फिरौती मांगे जाने की योजना थी, लेकिन पुलिस की सक्रियता को देख अपहर्ता डर गए और कुछ ही घंटे बाद अपहृत नरेश को छोड़ दिया। राजीव के अनुसार, पुलिस की जांच पड़ताल को देखते हुए वह अपनी कार से 18 जुलाई के दिन देहरादून चला आया था।