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एसपी के नए फरमान ने उड़ायी अपराधियों की नींद

जिला के पूर्व पुलिस अधीक्षक अखिलेश्वर सिंह के तबादले और नए पुलिस अधीक्षक डॉ. कंवर विशाल सिंह के कार्यभार संभालने के बीच शहर में अपनी मनमानी करने वाले आदतन अपराधियों में जिला पुलिस के नए निर्देश से खलबली मच गयी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Sep 2019 10:06 PM (IST)Updated: Fri, 13 Sep 2019 07:07 AM (IST)
एसपी के नए फरमान ने उड़ायी अपराधियों की नींद
एसपी के नए फरमान ने उड़ायी अपराधियों की नींद

संवादसूत्र, संबलपुर : जिला के पूर्व पुलिस अधीक्षक अखिलेश्वर सिंह के तबादले के बाद पदभार संभालने वाले नए एसपी डॉ. कंवर विशाल सिंह के तेवरों ने अपराधियों की नींद हराम कर दी है। शहर में अपनी मनमानी करने वाले आदतन अपराधियों में जिला पुलिस के नए निर्देश से खलबली मच गयी है। अपराध कर जेल जाने और अदालत से जमानत पर रिहा होने के बाद फिर से आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हो जाने वाले अपराधियों को अब सप्ताह में दो बार थाने आकर हाजिरी देना पड़ेगा ।

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विगत 26 अगस्त को कार्यभार संभालने के साथ ही नए पुलिस अधीक्षक डॉ. सिंह ने साफ कर दिया था कि जिले में किसी तरह के अपराध को बर्दास्त नहीं किया जायेगा और अपराध करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसकी शुरुआत पुलिस ने बीते 2 और 10 सितंबर को दो कुख्यात अपराधियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था। इसी बीच शहर से चार डकैत गिरोह को भी पुलिस ने पकड़कर उनके सही ठिकाने पर पहुंचाया। जिला पुलिस के इस तेवर से असामाजिक और अपराधी तत्वों का हौसला खस्ता होने लगा है। अब ऐसे में आदतन अपराधियों को सप्ताह में दो बार थाने में हाजिर होने का फरमान सुनाकर पुलिस उनकी गतिविधि पर नजर रखने की कोशिश में है। इस निर्देश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है।

दुर्दात समेत आदतन अपराधियों की सूची तैयार : बताया गया है कि पुलिस की हिट लिस्ट में कुछ दुर्दात अपराधी समेत 50 से अधिक आदतन अपराधी हैं। पुलिस की ओर से ऐसे अपराधियों की सूची बनायीं जा रही है। खबर है कि पुलिस की पहली सूची में 38 आदतन अपराधियों के नाम हैं। इनमें से कई नशा कारोबारी हैं तो कुछ अवैध हथियार विक्रेता।

कफ सीरप कारोबार को जमींदोज करने की तैयारी : पुलिस के अनुसार, टाउन थाना अंतर्गत साहू कॉलोनी का सोमनाथ साहू बीते एक वर्ष के दौरान कई बार कफ सीरप कारोबार में गिरफ्तार हो चुका है, लेकिन जमानत पर रिहा होने के बाद वह फिर से नशे का कारोबार शुरू कर देता है। उसके इस अवैध कारोबार में उसकी पत्नी, बहन और रिश्तेदार भी शामिल हैं तथा कई बार गिरफ्तार हो चुके हैं।

अवैध कारोबार सबसे बड़ी चुनौती : हाल के वर्षों में कई नाबालिगों को गंभीर आपराधिक मामलों में संलिप्त पाया गया और उन्हें सुधार गृह भेज गया है। पुलिस के लिए अवैध कारोबार पर अंकुश लगाना बड़ी चुनौती है। इस कारोबार में इनदिनों महिलाएं, युवती, बच्चे और कई स्थानों पर भिखारी भी शामिल हो गए हैं।


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