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नक्सली बन डिप्टी रेंजर वसूल रहा था ठेकेदारों से रंगदारी Sambalpur News

बरगढ़ में सक्रिय नक्सलियों के नाम का लाभ उठाकर रंगदारी वसूलने वाले तीन नकली नक्सलियों को बरगढ़ पुलिस ने किया गिरफ्तार। तीनों पिछले करीब पांच वर्षों से ये काम कर रहे थे।

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 11:21 AM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 11:21 AM (IST)
नक्सली बन डिप्टी रेंजर वसूल रहा था ठेकेदारों से रंगदारी  Sambalpur News
नक्सली बन डिप्टी रेंजर वसूल रहा था ठेकेदारों से रंगदारी Sambalpur News

संबलपुर, जेएनएन। पड़ोसी बरगढ़ जिले में सक्रिय नक्सलियों के नाम का लाभ उठाकर पिछले करीब पांच वर्षों से सरकारी कर्मचारियों और ठेकेदारों को धमकाकर रंगदारी वसूलने वाले तीन नकली नक्सलियों को बरगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनके पास से नकद 1.65 लाख रुपये, तीन मोबाइल फोन और 2 बाइक जब्त किया गया है। आरोपितों में वन विभाग का एक डिप्टी रेंजर भी है जो संबलपुर रेंज में कार्यरत है।

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बरगढ़ जिला पुलिस अधीक्षक मुकेश भामो, एसडीपीओ क्षीरसागर नायक और भटली थानेदार के अनुसार, भटली इलाके से इन तीनों नकली नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया। ये तीनों पिछले करीब पांच वर्षों से खुद को नक्सली बताकर सरकारी कर्मचारियों और ठेकेदारों से लाखों रुपये की रंगदारी वसूल रहे थे। इनके डर से कोई पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराता था। इस बारे में बरगढ़ पुलिस को गुप्त सूचना मिली और इसी के बाद जाल बिछाकर इन तीनों को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि गिरफ्तार नकली नक्सलियों में बटकृष्ण सेठी वन विभाग में डिप्टी रेंजर है। वर्तमान वह संबलपुर वन क्षेत्र में कार्यरत है। 

केंद्रपाड़ा जिला के मार्शाघाई थाना अंतर्गत तेरागां का बटकृष्ण और बरगढ़ के भटली कस्बे के दो भाई दोलगोविंद साहू उर्फ बबलू तथा बलराम साहू साथ मिलकर नक्सलियों के नाम पर रंगदारी वसूलते थे। इन नकली नक्सलियों ने बरगढ़ डीएफओ से 50 हजार, लखनपुर रेंजर से 90 हजार, पदमपुर फॉरेस्टर से 10 हजार, शुभम सिंह से 2.50 लाख, ठेकेदार मुन्ना महापात्र से 2 लाख, ठेकेदार प्रदीप बिस्वाल से 1.50 लाख, बीपीसीएल के ठेकेदार से 90 हजार, भटली के कान्हू से 25 हजार और हेमंत से 50 हजार, भुक्ता के प्रेम पटेल से 40 हजार और ठेकेदार अशोक दास से दो बार 50-50 हजार रुपये रंगदारी वसूली थी। इनके अलावा भी अन्य कई लोगों से रंगदारी वसूली गई। लेकिन लोगों ने पुलिस को इस बारे में सूचित तक नहीं किया और इसी वजह से इन तीनों का यह गोरखधंधा वर्षो तक चलता रहा। 


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