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प्रो. सुनामाली से दु‌र्व्यवहार का मामला गरमाया

डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग प्रो. सुनामाली बाग से बुधवार को बुर्ला में हुए दु‌र्व्यवहार की घटना पर पश्चिम ओडिशा दलित सुरक्षा परिषद ने गहरा दुख प्रकट किया है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Jul 2019 09:55 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 06:41 AM (IST)
प्रो. सुनामाली से दु‌र्व्यवहार का मामला गरमाया
प्रो. सुनामाली से दु‌र्व्यवहार का मामला गरमाया

संवादसूत्र, संबलपुर : डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग प्रो. सुनामाली बाग से बुधवार को बुर्ला में हुए दु‌र्व्यवहार की घटना को लेकर पश्चिम ओडिशा दलित सुरक्षा परिषद ने गहरा दुख प्रकट किया है। परिषद ने दु‌र्व्यवहार करनेवालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। परिषद ने दु‌र्व्यवहार करनेवालों से पांच दिन के अंदर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगने पर पुलिस से इसकी शिकायत करने का निर्णय लिया है।

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परिषद के सलाहकार निहाल कुमार सिंह ने बताया कि बुधवार को स्वास्थ्यमंत्री नवकिशोर दास के बुर्ला मेडिकल दौरे के दौरान डीएमईटी प्रो. सुनामाली बा़ग भी उनके साथ थे। इसी दौरान नारायण पति और सपन मिश्र ने प्रो. सुनामाली को अपमानित किया, जबकि घटनास्थल पर स्वास्थ्य सचिव और उपसचिव भी उपस्थित थे, लेकिन उन्हें किसी ने कुछ नहीं कहा। आरोप लगाया गया कि प्रो. सुनामाली को उनकी जाति की वजह से जानबूझकर आक्षेप किया गया। प्रो. सुनामाली ने भी सर्वसाधारण के सामने उन्हें अपमानित किए जाने तथा ऐसा करने वालों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करने की बात भी कही है। इधर, नारायण पति और सपन मिश्र ने कहा है कि उन्होंने प्रो. सुनामालि की जाति को लेकर कोई आक्षेप नहीं किया। प्रो. सुनामाली एक दक्ष डॉक्टर और भले मनुष्य हैं, लेकिन बेहतर प्रशासक नहीं। इसी वजह से प्रो .सुनामाली की समालोचना की गई थी ना कि उन्हें अपमानित किया गया था।

हेल्प डेस्क के खिलाफ डॉक्टरों की साजिश : पश्चिम ओडिशा दलित सुरक्षा परिषद के मुख्य सलाहकार निहाल सिंह ने बुर्ला स्थित मेडिकल हॉस्पिटल में रेडक्रॉस की ओर से प्रस्तावित हेल्प डेस्क शुरू नहीं किए जाने के पीछे साजिश का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि हेल्प डेस्क शुरू हो जाने से कई प्रभावशाली डॉक्टरों की ऊपरी कमाई बंद हो जाएगी। इसी वजह से हेल्प डेस्क का विरोध किया जा रहा है। निहाल ने बताया कि बुर्ला मेडिकल हॉस्पिटल में पश्चिम ओडिशा के अलावा छत्तीसगढ़ और झारखंड सीमांत से भी काफी मरीज इलाज के लिए आते हैं, जिन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कर इलाज करने के बजाय विभिन्न नर्सिंग होम में भेज दिया जाता है। जहां हॉस्पिटल के डॉक्टर्स उनका इलाज कर लाखों रुपये की ऊपरी कमाई करते है। ऐसे में मेडिकल हॉस्पिटल में हेल्प डेस्क शुरू हो जाने से मरीजों को नर्सिंग होम भेजना संभव नहीं हो सकेगा और ऊपरी कमाई बंद हो जाने को लेकर कई डॉक्टर इसका विरोध कर रहे हैं।


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