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पानी के लिए दर दर भटक रहे लोग

शहर के लगातार बढ़ते तापमान के बीच शहर की विभिन्न बस्तियो

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 May 2017 08:37 PM (IST)Updated: Wed, 17 May 2017 08:37 PM (IST)
पानी के लिए दर दर भटक रहे लोग
पानी के लिए दर दर भटक रहे लोग

जागरण संवाददाता, राउरकेला :

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शहर के लगातार बढ़ते तापमान के बीच शहर की विभिन्न बस्तियों में पानी की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है। पानी के लेने के लिए एक बस्ती से दूसरे बस्ती जाना लोगों की मजबूरी बन गई है। इसके बावजूद जरूरत के अनुसार लोगों को पानी नहीं मिल रहा है।

गोपबंधुपाली बस्ती के वार्ड नंबर-13 की अनारकली बस्ती में भी पानी की घोर किल्लत हो गई है। बस्ती में 200 घर व करीब 1200 सौ से अधिक जनसंख्या है पर पेयजल की व्यवस्था नहीं है। बस्ती में एक चापाकल है लेकिन वह पिछले दो साल से खराब है। जिम्मेदार लोगों को अवगत कराया गया लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा। कई बार पीएचडी विभाग के कर्मचारी बस्ती आए। चापाकल की जरूरत डायरी में लिखकर ले गए पर वह सिर्फ कागजों तक ही सिमट गई है। वर्तमान में पानी के लिए लोग दूसरी बस्ती पर निर्भर होते जा रहे हैं। पर जरूरत के अनुसार पानी नहीं मिल रहा। बस्तीवासियों ने बताया कि कुछ दिनों पूर्व पीएचडी विभाग की ओर से बस्ती में एक चापाकल बो¨रग के लिए मशीन आई थी। लेकिन काम रुकवा दिया गया।

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पानी की वैकल्पिक व्यवस्था जरूरी : महिलाओं ने बताया कि पानी की समस्या से अधिक परेशानी है। यहां ना ही सप्लाई की व्यवस्था है और ना ही चापाकल की। ऐसे में प्रशासन को यहां टैंकर की सुविधा करानी चाहिए। यदि वर्तमान पानी के लिए वैकल्पिक व्यवस्था नहीं कराती है तो लोगों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। बस्तीवासियों ने बताया कि जिस तरह बस्ती की आबादी है। यहां कम से कम चार या पांच चापाकल तो होना ही चाहिए। ताकि लोगों को सुचारू रूप से पानी मिल सके।

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महानगर निगम सड़कों तक सीमित : महानगर निगम की ओर से सिर्फ मुख्य सड़कों तक ही पानी टंकी स्थापित कराया गया है। स्थानीय लोग पानी भरकर खत्म देते हैं। ऐसे में दूर के लोगों को पानी नहीं मिल पाता है। ऐसे में 500 मीटर दूर अमरनाथ मंदिर के पास से पानी लाना पड़ता हैं।

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तालाब के पानी से करते हैं नहाना-धोना : लोगों ने बताया कि मजबूरी में तालाब के पानी का उपयोग किया जा रहा है। सुबह व शाम तालाब के पास लोगों की भीड़ उमड़ती है। नहाना-धोना, बर्तन मांजना सहित अन्य कार्य भी तालाब का पानी से ही करते हैं। डर है कहीं लोगों को बीमारी ना पकड़ ले।

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क्या कहते हैं लोग

बस्ती में लोगों को पानी की समस्या से जूझना नई बात नहीं। बल्कि यहां वर्षों से पानी की समस्या है। नेता तो पानी, बिजली, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं का आश्वासन तो देते हैं, लेकिन इसे पूरा नहीं करते। फिलहाल टैंकर का पानी लोगों तक पहुंचाया जाए। यही हम प्रशासन व नेताओं से अनुरोध करते हैं।

- राधा देवी

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गर्मी का तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है। पूरे शहर गर्मी से जूझ रहा है। पानी की समस्या सबसे बड़ी समस्या है। पानी के लोग रात में भी इधर-उधर भटकते देखा जा रहा है। प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

- जुली बेगम

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बस्ती में पानी का वैकल्पिक व्यवस्था होना चाहिए। अन्य बस्तियों की तरह यहां भी टैंकर के माध्यम से लोगों तक पानी पहुंचाया जाना चाहिए।

- सुलोचना देवी

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बस्ती में जनसंख्या के अनुसार चापाकल का खनन होना चाहिए। प्रति वर्ष गर्मी के पूर्व प्रशासन को पानी की उचित व्यवस्था करनी चाहिए।

- जइना खातुन

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लोग पानी के लिए दूसरे बस्ती तक जा रहे हैं। बावजूद जरूरत के अनुसार लोगों को पानी नहीं मिल रहा। लोग मजबूरी में तालाब का पानी उपयोग कर रहे हैं।

- अमर मुखिया

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फिलहाल पानी का वैकल्पिक व्यवस्था हो। ताकि लोगों को पानी के लिए इधर-उधर ना भटकना पड़े। हम विकलांग हैं। दूसरे बस्ती से जाकर पानी ला रहे हैं। चापाकल पर भी लोगों की लंबी कतार होती है।

- अशोक साह


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