विरासत संभालने चुनाव मैदान में उतरे वारिस
सुंदरगढ़ जिले में इस बार लोकसभा चुनाव के साथ-साथ तीन विधानसभा
जागरण संवाददाता, राउरकेला: सुंदरगढ़ जिले में इस बार लोकसभा चुनाव के साथ-साथ तीन विधानसभा सीट पर विरासत की सियासत भी देखने को मिल रही है। बीजद व कांग्रेस नेताओं के वारिस अपनी विरासत संभालने के लिए चुनाव मैदान में किस्मत आजमाने उतरे है। इन प्रत्याशियों में दो पूर्व सांसद एवं एक विधायक की संतान अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए सामने आई है। राजनीतिक विरासत को आगे ले जाने में यह लोग कितने सफल हो पाते हैं, यह तो 23 मई की चुनाव परिणाम के बाद ही पता चल सकेगा।
इस बार के चुनाव में विरासत की सियासत में पहला नाम है कांग्रेसी नेता सह ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री तथा सुंदरगढ़ के पूर्व सांसद हेमानंद बिस्वाल। जिसमें उनकी दो बेटियां सुनीता बिस्वाल तथा अमिता बिस्वाल चुनाव मैदान में हैं। उनकी बड़ी बेटी सुनीता बिस्वाल बीजद के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ रही हैं। जबकि उनकी छोटी बेटी अमिता बिस्वाल सुंदरगढ़ सदर विधानसभा सीट में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं। दूसरा नाम है कि सुंदरगढ लोकसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले बीरमित्रपुर के वर्तमान विधायक जार्ज तिर्की का। वे स्वयं लोकसभा का चुनाव लड़ने के साथ उनके बेटे रोहित जोसेफ तिर्की कांग्रेस के टिकट पर बीरमित्रपुर विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं।
इसी कड़ी में तीसरा नाम है कांग्रेस के पूर्व सांसद दिवंगत क्रिस्टोफर एक्का का। जिनके पुत्र डा. सीएस राजन एक्का भारतीय सेना से सेवानिवृत होने के बाद राजगांगपुर विधानसभा में कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं। वैसे सुंदरगढ़ में विरासत की सियासत कोई नई बात नहीं है। सन 2004 में तब सामान्य वर्ग की सुंदरगढ़ सदर विधानसभा सीट में बीजद-भाजपा गठबंधन के उम्मीदवार शंकर्षण नायक दूसरी बार विधायक चुने गए थे। लेकिन दुघर्टना में उनका आकस्मिक निधन होने के बाद उनकी पत्नी सुषमा पटेल ने उप-चुनाव में जीत हासिल की थी।