हेमगिर के ग्रामीणों ने सड़क को लेकर शुरू किया आंदोलन
सुंदरगढ़ जिले के कोयला समृद्ध हेमगिर ब्लॉक के ग्रामीणों ने एक बार फिर बांकीबहाल-तापड़िया सड़क की मरम्मत की मांग को लेकर सड़क पर उतर गए हैं।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : : सुंदरगढ़ जिले के कोयला समृद्ध हेमगिर ब्लॉक के ग्रामीणों ने एक बार फिर बांकीबहाल-तापड़िया सड़क की मरम्मत की मांग को लेकर सड़क पर उतर गए हैं। अत्यधिक क्षतिग्रस्त उक्त सड़क के निर्माण के अपने वादे को निभाने में राज्य सरकार के विफल रहने पर, जनशक्ति विकास परिषद के तत्वावधान में प्रभावित ग्रामीणों ने मंगलवार से तपारिया में अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी शुरू की। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ की ओर जाने वाली सड़क का उपयोग हेमगिर स्थित महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) द्वारा कुल्दा और बसुंधरा खानों से निकलने वाले कोयला परिवहन और कोइड़ा खनन सर्कल से लौह अयस्क के लिए किया जाता है। मार्ग पर प्रतिदिन लगभग 1,800-2,000 खनिज ढोने वाले भारी वाहन चलते हैं। स्थानीय नेता तेजराम सा ने कहा कि इस आर्थिक आंदोलन के तहत मांगों के पूरा न होने तक केवल खनिज ढोने वाले वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। अन्य मांगों के अलावा, ग्रामीण चाहते हैं कि सड़क का तत्काल निर्माण, कोयला परिवहन के लिए अलग वैकल्पिक सड़क का निर्माण, प्रभावित गांवों के लिए बाईपास सड़क का निर्माण और कोयले की धूल के कारण खड़ी फसलों के नुकसान की भरपाई की मुख्य मांग शामिल है।
पिछले साल जुलाई में, ग्रामीणों ने एमसीएल के कोयला खनन और परिवहन को तीन दिनों के लिए रोक दिया था, जिसके बाद सुंदरगढ़ कलेक्टर निखिल पवन कल्याण ने 25 अक्टूबर से सड़क निर्माण कार्य शुरू करने का लिखित में आश्वासन दिया था। उसी महीने, निर्माण मंत्री प्रफुल्ल मल्लिक ने आश्वासन दिया था कि 131.36 करोड़ की लागत से सड़क निर्माण के लिए फ्लोट टेंडर किया जाएगा। उक्त मांग को लेकर 28 नवंबर को, ग्रामीणों ने एमसीएल के महाप्रबंधक कार्यालय विरोध मार्च निकाला था, जबकि सुंदरगढ़ विधायक कुसुम ने इस मुद्दे पर ओडिशा विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था। टेटे ने कहा कि ग्रामीणों का धैर्य खत्म हो रहा है क्योंकि जिला प्रशासन और सरकार केवल काम शुरू करने के झूठे वादे के साथ समय पार कर रही हैं।
बीजद महासचिव और सुंदरगढ़ के पूर्व विधायक योगेश सिंह ने कहा कि कलेक्टर ने जिला खनिज फाउंडेशन से सड़क परियोजना के लिए 131.36 करोड़ रुपए जारी करने का आश्वासन दिया है। लागत के अनुमान को अनुमोदन के लिए सरकार को भेजा गया है।