प्राध्यापकों की कमी से शिक्षा व्यवस्था चरमराई
राउरकेला सरकारी स्वयंशासित कॉलेज समेत जिले के अधिकतर क
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला सरकारी स्वयंशासित कॉलेज समेत जिले के अधिकतर कॉलेजों प्राध्यापकों का पद रक्त है जिससे शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। स्वयंशासित कॉलेज का दर्जा मिलने के बाद 11 साल से इसका नवीकरण नहीं हो पाया है। विधायक दिलीप राय ने इस संबंध में विधानसभा में सवाल पूछे। उच्च शिक्षा मंत्री अनंत दास ने भी इस तरह की गड़बड़ी होने की बात स्वीकार की।
विधायक दिलीप राय ने स्वयंशासन की मान्यता का नवीकरण करने के साथ साथ कॉलेज को एक विश्वविद्यालय में परिणत करने, रिक्त शिक्षकेत्तर व गैर शिक्षकेत्तर पदों पर नियुक्ति संबंधित सवाल विधानसभा में पूछे। इसके जवाब में अनंत दास ने कहा कि डिग्री कॉलेज को 2002 में स्वयंशासन की मान्यता मिली है एवं इसकी अवधि 2017 में पूरी हुई है। इस संबंध में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से संपर्क किया जा रहा है। नैक टीम ने भी कॉलेज का अवलोकन कर नवीकरण के लिए सहमति दी है। यहां स्थाई ¨प्रसिपल का पद भी रिक्त है। प्राध्यापक के 60 सीट हैं जिनमें से 23 कार्यरत हैं एवं 37 पद रिक्त हैं। गणित की पढ़ाई के लिए तीन प्राध्यापक होना चाहिए एवं सभी रिक्त हैं। मनोविज्ञान, समाज विज्ञान, वाणिज्य विभाग में भी प्राध्यापक का पद रिक्त है। विज्ञान विभाग के लिए 24 प्राध्यापक होना चाहिए जिनमें से पांच विभागों के 14 पद रिक्त हैं। कॉलेज में अंग्रेजी विभाग के 6 तथा ओडिया विभाग के 4 प्राध्यापक स्वीकृत हैं जिनसें अंग्रेजी के पांच तथा ओडिशा के दो पद रिक्त हैं। कॉलेज में गैर शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के 75 पद हैं जिनमें से 45 पद खाली पड़े हैं। मंत्री अनंत दास ने सदन को बताया कि राउरकेला स्वयंशासित कॉलेज समेत सुंदरगढ़ जिले के सभी सरकारी व सहायता प्राप्त कॉलेजों में नियमित प्राध्यापक नहीं हैं।